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Showing posts from September, 2018

-ब्रायन ट्रेसी के मोटिवेशनल कोट्स

ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 एक कनाडाई-अमरीकन आत्म-विस्वास और प्रेरक सार्वजानिक वक्ता और लेखक है वह सत्तर से अधिक पुष्तकों के लेखक हैं ,जिनका दर्जनों भाषाओँ में अनुवाद किया गया है। उनकी लोकप्रिय पुस्तकें ,अर्न व्हाट यू आर रियली ,इट दैट फ्रॉग! और द साइकोलॉजी ऑफ़ अचीवमेंट है आइये इनके मोटिवेशनल विचारों को जानते हैं।-ब्रायन ट्रेसी के  मोटिवेशनल कोट्स 1 जिंदगी में कॉम्बिनेशन लॉक जैसी जैसी होती है ,बस इसमें अंक ज्यादा होते हैं। अगर आप सही क्रम में सही नंबर घुमाएंगे तो ताला खुल जायेगा। ब्रायन ट्रेसी मैंने पाया है की भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आप अधिक भाग्य चाहते हैं ,तो ज्यादा जोखिम लें। ज्यादा सक्रीय बनें। ज्यादा बार नजर में आएं। ब्रायन ट्रेसी यहाँ नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने का तीन हिस्सों का सरल फार्मूला बताया जा रहा है : थोड़ी जल्दी आएं ,थोड़ी ज्यादा मेहनत से काम करें और थोड़ी ज्यादा देर तक ऑफिस में रुकें। इस फॉर्मूले का पालन करने पर आप अपने प्रर्तिस्पर्धाओं से आगे निकल जाएंगे की वे आपकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ब्रायन ट्रेसी सेल्सपर्सन ,उद्दमी य

जॉन रॉकफेलर -शहर का सबसे अमीर आदमी

जॉन रॉकफेलर- शहर का सबसे अमीर आदमी एक व्यापारी अपने व्यवसाय में पूरी तरह से असफल हो गया था और क़र्ज़ में डूब गया था। एक बार वह व्यापारी उदास होकर एक बगीचे में बैठा-बैठा अपने बिज़नेस को लेकर चिंतित था की अब तो व्यापार बंद हो जायेगा और यह सोंचकर बहुत निराश था,और सोंच रहा था की काश कोई कंपनी को बंद होने से बचा ले। तभी एक बूढ़ा आदमी उसके पास आकर उसके बेंच पे बैठ गया और उस उदाश व्यापारी की तरफ देखकर बोला-आप बहुत चिंतित लग रहे हैं ,क्या आप अपनी समस्या बता सकते हैं मुझे ? शायद मैं आपकी कुछ मदद कर सकूँ ? व्यवसायी ने अपनी समस्या उस बूढ़े व्यक्ति को सुनाई और व्यवसायी की समस्या सुनकर बूढ़ा व्यक्ति ने अपनी जेब से चेक बुक निकाला और एक चेक पे अपना दस्तखत करके उस व्यवसायी को दे दिया और कहा-तुम यह चेक रखो ,एक वर्ष बाद हम यहाँ फिर मिलेंगे तो तुम मुझे पैसे वापस लौटा देना। व्यवसायी ने चेक देखा तो उसकी आंख्ने फटी रह गई - उसके हाथ 50 लाख का चेक था जिस पर उस सहर का सबसे अमीर आदमी जॉन रॉकफेलर के साइन थे। उस व्यवसायी को विस्वास नहीं हो पा रहा था की वह बूढ़ा आदमी  नहीं बल्कि उस शहर का सबसे अमीर आदमी जॉन रॉकफ

DIAMONDSHIP का सच

DIAMOND बनने के लिए सिर्फ हाथ-पे-हाथ रखकर सिर्फ सपनों का हवामहल बनाने से कुछ नहीं होगा,अपने सपनों को पूरा करने के लिए म्हणत एवं कार्ययोजना आवश्यक है। DIAMONDSHIP का मन्त्र पहला मन्त्र- घर से निकले बिना कुछ नहीं होगा।नेटवर्क मार्केटिंग ही नहीं, वरन किसी भी क्षेत्र में घर बैठे-बैठे बिना प्रयत्न्न किये सफलता हासिल नहीं होती। यदि आप डायमंड बनना चाहते हैं तो सबसे पहले आराम का त्याग करिये, सुख-सुविधाओं का त्याग करो। ना सुनने का भय मिटाइये। DIAMONDSHIP का मन्त्र दूसरा मन्त्र- उनकी सोंचिये जिनका क़र्ज़ चुकाना है। जीवन में आज तक जिन लोगों ने भी आपके लिए अपनी नींद और आराम का बलिदान किया है जिन लोगों ने भी आपके सुख की प्राथमिकता देते हुए सुख का त्याग किया,जिन लोगों ने भी हरपल आपका ध्यान रखा और खुद के लिए उन्होंने कुछ नहीं सोंचा,आज उनके क़र्ज़ को चुकाने का वक़्त आ गया है। माता-पिता ,चाचा-चाची,भाई-बहन , ये किसी भी रूप में हो सकते हैं। DIAMONDSHIP का मन्त्र तीसरा मन्त्र- हरदिन पांच मिनट एकांत में बैठिये स्वयं का आकलन कीजिये। आज मैंने कौन सी नई बात सीखी ? आज मैंने कितने नए नाम को लिस्ट में जो

क्या आप स्वयं से प्रश्न पूछते हैं ?

क्या आप स्वयं से प्रश्न पूछते हैं ? याद करने की कोसिस कीजिये ,पिछली बार,कब आपने एकांत में बैठकर स्वयं से कुछ प्रश्न पूछे और अंतरात्मा से ईमानदार उत्तर लिया। बहुत कम लोग ही ऐसा करते हैं ,खुद से प्रश्न करनेवाले का प्रतिसत दुनिया में बहुत कम है। स्वयं से प्रश्न कजिये। खुद से प्रश्न करना बहुत कठिन है क्यूंकि हमारा मन सारे प्रश्नों का उत्तर जानता है। यदि आपका जीवन मूल्य स्पष्ट है और आप उन मूल्यों पर आधारित जीवन जी रहे हैं,तो आपको स्वयं से प्रश्न करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। यदि आपके जीवन के लक्ष्य स्पस्ट नहीं है ,आपके कार्य योजना स्पस्ट नहीं है ,आपके जीवन मूल्य स्पस्ट नहीं है तो आपको स्वयं से प्रश्न करने में दिक्कत महसूस होगी। हर रोज स्वयं से प्रश्न कीजिये जो आपके कानों में मिश्री घोलते हों और ऐसे प्रश्न भी कीजिये जो आपके कानों में सीसा उड़ेलते हों। जिंदगी में सरे उत्तर आपके भीतर से ही पैदा होंगे। मेरे जिंदगी जीने का उद्देश्य क्या है , दुनिया से जाने के बाद मैं किस रूप में जाना चाहूंगा ? किस काम को करते हुए  मैं सर्वाधिक खुसी महसूस करता हूँ और करूँगा।  मेरे भीतर कौन-

इच्छा

सफल होने के लिए प्रेरणा किसी मकसद को हासिल करने की गहरी इच्छा से जन्म लेती है। इच्छा बहुत ही जरुरी तत्व है सफलता के लिए। नेपोलियन हिल ने भी लिखा है -इंसान का दिमाग जिन चीजों को सोंच सकता है,  पर यकीं कर सकता है ,उन्हें हासिल भी कर सकता है। आखिर सफलता के लिए इच्छा कैसा होना चाहिए ?  छोटा सा कहानी बताने जा रहा हूँ। एक यूवक सुकरात ( जो की बहुत ही सफल व्यक्ति थे ) से सफलता का रहस्य पूछा ? सुकरात ने उस युवक से अगर आप सफलता का रहस्य जानना चाहते हैं कल सुबह  नदी के किनारे मिलना। दूसरे दिन युवक सुकरात से मिलने नदी के किनारे सुबह-सुबह पहुँच गया ,अभी सूर्य की लालिमा आने को थी। सुकरात ने उस युवक को बोला की आप मेरे पीछे-पीछे आओ और वो खुद नदी के अंदर धीरे-धीरे जाने लगे। सुकरात पानी के उस तल तक नहीं पहुँच गए जहाँ पे पानी उनके गर्दन तक पहुंच रहा था और उस युवक के भी पानी उसके गर्दन डूबने तक था। तो अचानक से सुकरात पीछे मुड़कर अचानक युवक सर पानी  दिया। युवक पानी से निकलने  छटपटाने लगा वो बहुत जोर से अपने हाथ पैर को चलाने लगा की कैसे सुकरात के चंगुल से बच जाएँ। लेकिन चूँकि सुकरात ताकतवर थे और शरीर

मार्कस औरेलियस- morning quotes in hindi

जीवन छोटा है। इसकी सबसे अहम् चीजें न भूलें:दूसरों के लिए जीना और उनका भला करना।                                                                                    - मार्कस औरेलियस एक आत्मा की सुंदरता तब चमक उठती है,जब व्यक्ति एक के बाद दूसरे दुर्भाग्यों को शांति से सहन करता है,इसलिए नहीं की वह उन्हें महसूस नहीं करता ,बल्कि इसलिए की वह एक ज्यादा लचीलेपन का व्यक्ति होता है।                                                                                                   -अरस्तु। यदि आप अपनी सीमाओं के लिए तर्क गड़ेंगे,तो वे सीमाएं आपके लिए सदा कायम रहेंगी।                                                              - रिचर्ड बाख।  जब सुबह जागते हैं,तो यह सोंचें की जीवित रहना-साँस लेना,सोंचना,आनंद उठाना,और प्यार करना कितना बहुमूल्य सौभाग्य है।                                                               - मार्कस औरेलियस । हर सुबह मैं जब जागता हूँ और दुनिया को अक्षुण्ण देखता हूँ ,तो मुझे हैरत होती है। सब प्रकृति के आशावाद के सबूत दीखते हैं। एक नई  रौशनी होती है, बारिश शानदार रूप से भीग

महान दिन की शुरुआत करें

एक महान दिन की शुरुआत करें -एक महान दिन जीवन अच्छी तरह जिए गए दिनों की मोतियों के हार की पिरोयी गई श्रृंखला से ज्यादा कुछ नहीं होता। महान दिनों के लिए एकाग्र हों,और एक महान दिन का आना तय है।   अपने दिन की शुरुआत 10 चीजें लिखकर करें ,जिनके लिए आपको अपने जीवन में कृतज्ञ होना  है।  ३० मिनटों का समय लेकर  विवेक बढ़ाने वाला साहित्य से कुछ पड़ें ,ताकि आपका नजरिया फिर से बहाल कर सकें और खुद को आप प्रेरित कर सकें।  5 मिनट का समय लेकर अपने दिन की योजना बनाएं और उसके द्वारा एक ऐसा साँचा की रचना करें ,जिसके आधार पर आप दिन के बाकि घंटे बिताएं। इसके अतिरिक्त 3 ऐसे छोटे-छोटे लक्ष्य तय करें ,जिन्हें आप इस दिन हर हालत में हासिल करेंगें।  ऐसे आहार लें ,जिसे एथिलीट अपने जीवन की सबसे अहम् स्पर्धा की तयारी करते हुए लेगा और प्रयाप्त मात्रा में पानी पियें  अपने दिन के अंत में ,अपने जर्नल में लिखकर गहराई से यह चिंतन करें की आपने इसे कैसे बिताया। अपने कार्यों का मूलयांकन करें और उन क्षेत्रों की पहचान करें, जिन्हें बेहतर करना है।  अपने दिन को अपनी छोटी-छोटी जीतों पर सोंचते हुए एक ऊँ

विस्वास हासिल करने का अचूक तरीका

आज के पोस्ट में मैं आपको बताने जा रहा हूँ की आप किसी भी इंसान का विस्वास हासील कैसे कर सकते हैं ? विस्वास के  काबिल बनें। असली टेस्ट यह नहीं है की क्या सामने वाला विस्वास करेगा ,बल्कि साली टेस्ट यह है क्या आपको इस पर विस्वास है ? जबकि गलती हम यह करते हैं की दुनिया को समझने की कोसिस करते हैं पर कहीं-न-कहीं शक हमारे दिमाग भी रहता है। अपने आप में विस्वास जगाने के लिए दूसरों का विस्वास हासिल करने का अनिवार्य नियम है-  अपने बिज़नेस का ज्ञान रखिये।  ..आधा-अधूरा  नहीं पूरा रखना होगा ,याद रखें आपके प्रोडक्ट्स की जितनी ज्ञान होगी जीत उतनी आसान होगी क्यूंकि आपके जंग के वही असली हथियार है -ज्ञान। चलते रहिये और ज्ञान बढ़ाते रहिये। दूसरों के विस्वास को जितने और बनाये रखने का एक और तेज तरीका विश्व के महान कूटनीतिज्ञ बेंजमिन फ्रेंक्लिन के नियम  का  पालन करना है- मैं कभी किसी के बारे में जितना अच्छा बोल सकता हूँ ,अच्छा बोलूंगा। अपने प्रतिद्विंदि का भी तारीफ करूँगा। अतिश्योक्ति के बजाय अंडरस्टेटमेंट या न्यूनोक्ति की आदत डालें। कार्ल की यह फिलॉसोफी याद रखें :हाँ ,परन्तु मैं यह जानता हूँ। किसी

निरमा वाशिंग पाउडर की सफलता की कहानी

निरमा वाशिंग पाउडर की सफलता की कहानी -करसनभाई पटेल   निरमा वाशिंग पाउडर जैसी लोकप्रिय ब्रांड के सर्जक करसन भाई पटेल का जन्म 1945 में गुजरात के महेसाणा जिले के रूपपुर गाँव में हुआ था। किसान परिवार के करसन भाई पटेल रसायन के विषय में बीएससी करने के बाद लाल भाई ग्रुप की न्यू कॉटन मिल्स  में लैब टेक्निसियन के रूप में नौकरी की। 1961 में वे सरकार के खनिज और भू-स्तर विभाग से भी जुड़े।  करसनभाई पटेल भू- विभाग से शेष समय अपने घर में अपने रसायन के ज्ञान का इस्तेमाल करके डिटर्जेंट पाउडर बनाना सुरु किया। पाउडर को पैक करके अपनी पुत्री के नाम से निरमा ब्रांड का वाशिंग पाउडर बेचना सुरु किया। घर में पाउडर बनाना और उसे प्लास्टिक में पैक करना और उसे साइकिल से निकल जाते थे उसे बेचने के लिए। ये सभी काम वो नौकरी करने के बाद बचे समय में करते थे। बाजार में सिर्फ सर्फ वासिंग पाउडर 9 रुपये प्रति किलो के दाम से बिकता था तब वे निरमा वासिंग पाउडर सिर्फ तीन रुपये प्रति किलो के भाव से बेचने लगे। उनका वाशिंग पाउडर दाम कम होने के साथ असरदार था। इसलिए वे वासिंग पाउडर की जितने भी थैलियां बनाते थे सभी बिक

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नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी

आज 21 वी सदी का सबसे क्रन्तिकारी तरीका है नेटवर्क मार्केटिंग है। लेकिन लोगों के मन में बहुत से सवाल होते हैं इन कंपनियों को लेकर। लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूँ की सच में नेटवर्क मार्केटिंग एक बहुत ही शानदार और बिज़नेस की तरह ही है जिसे आप बहुत कम इन्वेस्टमेंट के साथ शुरुआत कर सकते हैं। इस बिज़नेस की खास बात यह है की आपको जो भी चैलेंज आने वाला है पहले ही पता चल जाता है और परिणाम भी। नेटवर्क मार्केटिंग कम्पनी आज के समय की जरुरत है क्यूंकि आपको पता है जॉब की मारामारी और यदि आपका कैसे करके लग भी जाये तो बॉस जीना हराम कर देता है। तो यदि आपको समय की आजादी और पैसे की आजादी चाहिए तो आपको अपना नेटवर्क बनाना पड़ेगा। और नेटवर्क बनाने के लिए आपको सीखना पड़ेगा। चेतावनी -एक महत्वपूर्ण बात इसमें भी और बिज़नेस की तरह ट्रेनिंग की जरुरत होती है और उसके बाद भी अन्य व्यवसाय के तरह ही कोई गरंटी नहीं होती है की आप सफल हो ही जाएँ। स्कोप इन इंडिया -अगर मैं भारत में बात करें तो बहुत कम लोग नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी में जुड़े है अगर एक सर्वे के अनुसार और एक किताब में छपे लेख के अनुसार भार

विज्युलाइजेशन से वजन घटाया

आप इसे विज्युलाइजेशन  दौरान जब आप अल्फा लेवल पर जाकर यह स्क्रिप्ट जो निचे दिया जा रहा है उसे आप मन में दोहराएं। विज्युलेशन बहुत ही प्रभावकारी होता है। आप विज्युलाइजेशन  सुबह या शाम में कर सकते हैं। या फिर आप सफर के दौरान भी कर सकते हैं। आज विज्युलाइजेशन वजन घटाने के लिए है। मेरे सामने आइना है। आईने में,मैं दीखता हूँ। वाह ! वाह ! वाह ! किसी कितने आश्चर्य की बात है। किसी समय  मानना था की मेरा वजन घट नहीं सकता है लेकिन आज वास्तविकता मेरे सामने है ,उपयुक्त वजन के साथ मेरा शरीर आईने में दिख रहा है। पेट ,कमर, कंधे ये सभी जितने होने चाहिए थे एक सामन्य वजन के मुताबिक ही हैं। मैं अपने पैरों के निचे वजन का कांटा देख सकता हूँ मेरा वजन उतना ही दिखाई दे रहा है जितना मेरे उम्र और आयु के हिसाब से होना चाहिए था।  वजन तोलने की मशीन में कांटा स्पष्ट दिखाई दे रहा है। ( कुछ समय के बाद ) मैं अपने काम में व्यस्त हूँ ,मेरा काम बहुत स्फूर्ति से कर रहा हूँ। शीघ्रता से और स्फूर्ति से काम करने में आनंद आ रहा है। मेरा शरीर बिलकुल नया और बिलकुल हल्का महसूस हो रहा है। मेरा वजन कम होने से काम की गति भी बढ़ ग

अजीम प्रेम जी विप्रो संस्थपक एशिया के सबसे बड़े दानवीर

अजीम प्रेमजी विप्रो संस्थपक  एशिया के सबसे बड़े दानवीर  ने दान किए 52,750 करोड़ भारत सरकार ने जब कोरोना से युद्ध लड़ने के लिए मदद मांगी तो उन्हों ने दान किए 52,750 करोड़ रुपये, अब तक 145,000 करोड़ दान दे चुके हैं , अजीम प्रेमजी  जन्म 25 जुलाई 1945 में करांची में हुआ था। उनको १९६६ में कैलिफोर्निआ की स्टैण्डर्ड यूनिवर्सिटी  कम्प्यूटर की पढाई  छोड़कर भारत लौटना पड़ा। उनके पिताजी ने उन्हें 7 करोड़ की कंपनी विरासत में दी थी ,जो वनस्पति घी ,और कपडे धोने का साबुन बना रही थी।  21 साल की उम्र में प्रेमजी को बिलकुल अनुभव नहीं था ,वो खुद भी साक्षात्कार में  -मैं इसके लिए बिलकुल तैयार नहीं था। मेरे पास एक ही स्वप्न था की मुझे एक बड़ी कंपनी बनानी है। उन्होंने अपने घी, तेल साबुन बनाने  व्यवसाय में वृद्धि की साथ ही एक बड़ी कम्पनी बनाने का सपने के साथ 1980 में आई टी क्षेत्र में प्रवेश किया। 1991 में उनको जब्बरदस्त मौका मिला। भारत सर्कार ने अमेरिका की आई बी ऍम कम्पनी भारत में व्यापार करने पर प्रतिबन्ध रख दिया। एक बिज़नेस मैन नाते अजीमप्रेम जी यह मौका हाथ से गवाना नहीं चाहते थे। उनको पता था की