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Showing posts from December 11, 2017

-ब्रायन ट्रेसी के मोटिवेशनल कोट्स

ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 एक कनाडाई-अमरीकन आत्म-विस्वास और प्रेरक सार्वजानिक वक्ता और लेखक है वह सत्तर से अधिक पुष्तकों के लेखक हैं ,जिनका दर्जनों भाषाओँ में अनुवाद किया गया है। उनकी लोकप्रिय पुस्तकें ,अर्न व्हाट यू आर रियली ,इट दैट फ्रॉग! और द साइकोलॉजी ऑफ़ अचीवमेंट है आइये इनके मोटिवेशनल विचारों को जानते हैं।-ब्रायन ट्रेसी के  मोटिवेशनल कोट्स 1 जिंदगी में कॉम्बिनेशन लॉक जैसी जैसी होती है ,बस इसमें अंक ज्यादा होते हैं। अगर आप सही क्रम में सही नंबर घुमाएंगे तो ताला खुल जायेगा। ब्रायन ट्रेसी मैंने पाया है की भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आप अधिक भाग्य चाहते हैं ,तो ज्यादा जोखिम लें। ज्यादा सक्रीय बनें। ज्यादा बार नजर में आएं। ब्रायन ट्रेसी यहाँ नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने का तीन हिस्सों का सरल फार्मूला बताया जा रहा है : थोड़ी जल्दी आएं ,थोड़ी ज्यादा मेहनत से काम करें और थोड़ी ज्यादा देर तक ऑफिस में रुकें। इस फॉर्मूले का पालन करने पर आप अपने प्रर्तिस्पर्धाओं से आगे निकल जाएंगे की वे आपकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ब्रायन ट्रेसी सेल्सपर्सन ,उद्दमी य

शिक्षा से मिलती है शक्ति

शक्ति सच्ची शिक्षा से मिलती है ।  जिस व्यक्ति ने किसी निस्चित लक्ष्य के प्रति मन की शक्तियों को व्यवस्थित करना , श्रेणीबद्ध करना और निर्देशित करना नहीं सिखा है , वह शिक्षित नहीं है । वह भी शिक्षित नहीं है , जिसने तथ्यों और जानकारी में भेद करना नहीं सिखा है , निश्चित उद्देश्य को हमेशा अपनी नहरों के सामने रखना नहीं सिखा है । एजुकेट( educate) शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन शब्द एडयूको से हुई है , जिसका अर्थ से भीतर से विकसित करना , सार निकालना , बाहर निकालना , उपयोग के ज़रिए विस्तार करना । इसका अर्थ मस्तिष्क को ज्ञान से भरना नहीं है , जैसा ज़्यादातर शब्दकोश में बताया जाता है । सफलता की सीढ़ी पर चढ़ने से पहले इन पायदानों पर चढ़ना होगा- जीवन में निशित लक्ष्य -जीवन में एक स्पष्ट लक्ष्य , होना ज़रूरी है, बग़ैर लक्ष्य के आप भटकते रह जाएँगे , इसलिए आज ही तय करें आख़िर ज़िंदगी मेन आपको करना क्या है ? चाइए क्या ? आत्मविश्वास - आत्मविश्वास वो गुण है जो इंसान के अंदर एक आग को जलाए रखने में बहुत ही ज़रूरी तत्व है । आप इसके बग़ैर सफलता की कल्पना तक नहीं कर सकते हैं । ख़ुद के प्रति आत्मविश्वास प

अपने sales कैसे बड़ाएँ

दो प्रकार के सेल्स होते हैं फ़ोल्लोवप में प्रायः देखा जाता है की जो नए असोसीयट्स किसी प्रास्पेक्ट्स का फ़ोल्लोवप करते हैं तो प्रास्पेक्ट्स को बोलने का मौक़ा भी नहीं देते हैं , जिससे सबसे बड़ी दिक़्क़त ये आता है की नए असोसीयट्स को पता ही नहीं चल पता है की आख़िर प्रास्पेक्ट्स को किस चीज़ से ऐतराज़ है या कौन सी चीज़ उन्हें इसमें पसंद आया । इसलिए सेल्ज़ क्लोज़ नहीं हो पाता है । फ़ोल्लोवप बड़ा ही आशान है यदि इसमें कुछ बातों का ध्यान रखें तो - इसमें दो थेरेपी काम करती है  Kill ( किल )  - keep it long and lengthy ( कीप ईंट लोंग एंड लेंक्थी) - vs kiss - कीपिंग आईटी शार्ट एंड सिंपल कई सेल्समेन अपने ही हाथों से सेल्स गवां लेते हैं क्योँकि उनके सामने बे मतलब  की बातें और बिना जरुरत के डिटेल देते  हैं। और वही अच्छे सेल्समेन पॉइंट to पॉइंट बातें करते हैं ,बातों   को छोटा रखते हैं सेल्समेन क्लोज को करने में विस्वास रखते हैं। be effeicient विथ योर स्पीकिंग । जब तक आप स्पष्ट रूप आप नहीं कहेंगे की आपको ख़रीदना ही चाइए तब तक वो समझते हैं ख़रीदना उतना ज़रूरी नहीं है या बाद में भी ख़रीदने से च

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नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी

आज 21 वी सदी का सबसे क्रन्तिकारी तरीका है नेटवर्क मार्केटिंग है। लेकिन लोगों के मन में बहुत से सवाल होते हैं इन कंपनियों को लेकर। लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूँ की सच में नेटवर्क मार्केटिंग एक बहुत ही शानदार और बिज़नेस की तरह ही है जिसे आप बहुत कम इन्वेस्टमेंट के साथ शुरुआत कर सकते हैं। इस बिज़नेस की खास बात यह है की आपको जो भी चैलेंज आने वाला है पहले ही पता चल जाता है और परिणाम भी। नेटवर्क मार्केटिंग कम्पनी आज के समय की जरुरत है क्यूंकि आपको पता है जॉब की मारामारी और यदि आपका कैसे करके लग भी जाये तो बॉस जीना हराम कर देता है। तो यदि आपको समय की आजादी और पैसे की आजादी चाहिए तो आपको अपना नेटवर्क बनाना पड़ेगा। और नेटवर्क बनाने के लिए आपको सीखना पड़ेगा। चेतावनी -एक महत्वपूर्ण बात इसमें भी और बिज़नेस की तरह ट्रेनिंग की जरुरत होती है और उसके बाद भी अन्य व्यवसाय के तरह ही कोई गरंटी नहीं होती है की आप सफल हो ही जाएँ। स्कोप इन इंडिया -अगर मैं भारत में बात करें तो बहुत कम लोग नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी में जुड़े है अगर एक सर्वे के अनुसार और एक किताब में छपे लेख के अनुसार भार

विज्युलाइजेशन से वजन घटाया

आप इसे विज्युलाइजेशन  दौरान जब आप अल्फा लेवल पर जाकर यह स्क्रिप्ट जो निचे दिया जा रहा है उसे आप मन में दोहराएं। विज्युलेशन बहुत ही प्रभावकारी होता है। आप विज्युलाइजेशन  सुबह या शाम में कर सकते हैं। या फिर आप सफर के दौरान भी कर सकते हैं। आज विज्युलाइजेशन वजन घटाने के लिए है। मेरे सामने आइना है। आईने में,मैं दीखता हूँ। वाह ! वाह ! वाह ! किसी कितने आश्चर्य की बात है। किसी समय  मानना था की मेरा वजन घट नहीं सकता है लेकिन आज वास्तविकता मेरे सामने है ,उपयुक्त वजन के साथ मेरा शरीर आईने में दिख रहा है। पेट ,कमर, कंधे ये सभी जितने होने चाहिए थे एक सामन्य वजन के मुताबिक ही हैं। मैं अपने पैरों के निचे वजन का कांटा देख सकता हूँ मेरा वजन उतना ही दिखाई दे रहा है जितना मेरे उम्र और आयु के हिसाब से होना चाहिए था।  वजन तोलने की मशीन में कांटा स्पष्ट दिखाई दे रहा है। ( कुछ समय के बाद ) मैं अपने काम में व्यस्त हूँ ,मेरा काम बहुत स्फूर्ति से कर रहा हूँ। शीघ्रता से और स्फूर्ति से काम करने में आनंद आ रहा है। मेरा शरीर बिलकुल नया और बिलकुल हल्का महसूस हो रहा है। मेरा वजन कम होने से काम की गति भी बढ़ ग

अजीम प्रेम जी विप्रो संस्थपक एशिया के सबसे बड़े दानवीर

अजीम प्रेमजी विप्रो संस्थपक  एशिया के सबसे बड़े दानवीर  ने दान किए 52,750 करोड़ भारत सरकार ने जब कोरोना से युद्ध लड़ने के लिए मदद मांगी तो उन्हों ने दान किए 52,750 करोड़ रुपये, अब तक 145,000 करोड़ दान दे चुके हैं , अजीम प्रेमजी  जन्म 25 जुलाई 1945 में करांची में हुआ था। उनको १९६६ में कैलिफोर्निआ की स्टैण्डर्ड यूनिवर्सिटी  कम्प्यूटर की पढाई  छोड़कर भारत लौटना पड़ा। उनके पिताजी ने उन्हें 7 करोड़ की कंपनी विरासत में दी थी ,जो वनस्पति घी ,और कपडे धोने का साबुन बना रही थी।  21 साल की उम्र में प्रेमजी को बिलकुल अनुभव नहीं था ,वो खुद भी साक्षात्कार में  -मैं इसके लिए बिलकुल तैयार नहीं था। मेरे पास एक ही स्वप्न था की मुझे एक बड़ी कंपनी बनानी है। उन्होंने अपने घी, तेल साबुन बनाने  व्यवसाय में वृद्धि की साथ ही एक बड़ी कम्पनी बनाने का सपने के साथ 1980 में आई टी क्षेत्र में प्रवेश किया। 1991 में उनको जब्बरदस्त मौका मिला। भारत सर्कार ने अमेरिका की आई बी ऍम कम्पनी भारत में व्यापार करने पर प्रतिबन्ध रख दिया। एक बिज़नेस मैन नाते अजीमप्रेम जी यह मौका हाथ से गवाना नहीं चाहते थे। उनको पता था की