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Showing posts from April 18, 2018

-ब्रायन ट्रेसी के मोटिवेशनल कोट्स

ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 एक कनाडाई-अमरीकन आत्म-विस्वास और प्रेरक सार्वजानिक वक्ता और लेखक है वह सत्तर से अधिक पुष्तकों के लेखक हैं ,जिनका दर्जनों भाषाओँ में अनुवाद किया गया है। उनकी लोकप्रिय पुस्तकें ,अर्न व्हाट यू आर रियली ,इट दैट फ्रॉग! और द साइकोलॉजी ऑफ़ अचीवमेंट है आइये इनके मोटिवेशनल विचारों को जानते हैं।-ब्रायन ट्रेसी के  मोटिवेशनल कोट्स 1 जिंदगी में कॉम्बिनेशन लॉक जैसी जैसी होती है ,बस इसमें अंक ज्यादा होते हैं। अगर आप सही क्रम में सही नंबर घुमाएंगे तो ताला खुल जायेगा। ब्रायन ट्रेसी मैंने पाया है की भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आप अधिक भाग्य चाहते हैं ,तो ज्यादा जोखिम लें। ज्यादा सक्रीय बनें। ज्यादा बार नजर में आएं। ब्रायन ट्रेसी यहाँ नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने का तीन हिस्सों का सरल फार्मूला बताया जा रहा है : थोड़ी जल्दी आएं ,थोड़ी ज्यादा मेहनत से काम करें और थोड़ी ज्यादा देर तक ऑफिस में रुकें। इस फॉर्मूले का पालन करने पर आप अपने प्रर्तिस्पर्धाओं से आगे निकल जाएंगे की वे आपकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ब्रायन ट्रेसी सेल्सपर्सन ,उद्दमी य

कार्लोस स्लीम हेलु

कार्लोस स्लीम हेलु आज मैं एक ऐसे व्यक्तित्व के बारे बात करने जा रहा हूँ ,जिनसे आप बहुत  कुछ सिख कर अपने जीवन को और ज्यादा सुहाना बना सकते हैं।  लोग मुझे किस तरह से याद करेंगे यह सोंचकर मैं नहीं जीता हूँ। जिस दिन औरों के अभिप्राय के अनुसार आप जीना सुरु करोगेउसी दिन आपकी मृत्यु निश्चित समझो। उपर्युक्त अभिप्राय विश्व के सबसे अमीर आदमी कार्लोस स्लीम हेलु का है। उनका जन्म 28 जनवरी 1940 में मैक्सिको में हुआ था। आज वे 220 कंपनियों के मालिक हैं उनमें टेलीकम्यूनिकेशन , बैंक ,रेल्वे और होटल्स उनके मुख्य व्यवसाय हैं। आप मैक्सिको के सफर पर जाये और कार्लोस की किसी भी कंपनी का आपके खर्चे में से मुनाफा न हो ,ऐसी सम्भावना बहुत कम है। इसलिए लोग मिस्टर मोनोपोली के लाडले नाम से पहचानते हैं। द न्यूयोर्क टाइम्स कंपनी जब नुकसान कर रही थी तब कार्लोस ने 250 मिलियन डॉलर की लोन देकर कंपनी को बदनामी से बचाया था। मैक्सिको की जी.डी. पी. के करीब 7 प्रतिसत के मालिक हैं यदि बिल गेट्स को अमेरिका जी.डी .पी. के सात प्रतिसत डॉलर इकट्ठे करने हों तो उन्हें 101 मिलियन डॉलर इकट्ठे करने पड़ेंगे। वे छह संत

आपके पडोसी कैसे हैं ?

आपके पडोसी कैसे हैं ? चीजें हमें वैसी नहीं दिखती हैं जैसी वे हैं , बल्कि वैसी दिखती जैसी हम हैं। हमारा व्यव्हार ही हमारा आइना है। हम जैसे होंगे वैसे ही हमारे सामने वाले लोग भी होंगें। आप जैसे होंगे आपके पड़ोसी भी वैसे ही होंगें। यह एक ऐसे बुद्धिमान व्यक्ति की कहानी है , जो अपने गांव के बाहर बैठा हुआ था। एक यात्री गुजरा और उसने उस व्यक्ति से पूछा - इस गांव  में किस तरह के लोग रहते हैं ? क्यूंकि मैं अपना गांव छोड़कर किसी और गांव में बसने किओ सोंच रहा हूँ। तब उस बुद्धिमान व्यक्ति ने उस यात्री से सवाल किया -तुम जिस गांव को छोड़ना चाह रहे हो ,उस गांव में कैसे लोग रहते हैं ? उस यात्री ने कहा - बहुत स्वार्थी , निर्दयी और रूखे लोग रहते हैं।  बुद्धिमान व्यक्ति ने जवाब दिया - यहाँ भी बहुत स्वार्थी , निर्दयी और रूखे लोग ही रहते हैं। कुछ समय बाद एक दूसरा यात्री वहां आया ,उसने उस बुद्धिमान व्यक्ति से वही सवाल किया जो पहले यात्री ने किया था - यहाँ इस गांव में कैसे लोग रहते हैं ? तब फिर से उस बुदिमान व्यक्ति ने जवाब दिया - तुम जिस गांव को छोड़ना चाहते हो वहां के लोग कैसे हैं ?   उस यात्री ने

सफलता का राजमार्ग

सफलता का राजमार्ग - असफलता ,सफलता हसिल करने का राजमार्ग है। आई.बी.एम.के टॉम वाटसन , सीनियर का कहना है - अगर आप सफल होना चाहते हैं तो अपने असफलता के दर को दूना कर दीजिये। सफलता की सारी  कहनियों के साथ महान असफलताओं की कहानी भी जुडी होती है। फर्क केवल इतना था असफलता के बाद वे जोश के साथ उठ खड़े हुए। इसे पीछे धकलने वाली नहीं , बल्कि बढ़ाने  वाली नाकामयाबी कहते हैं।  हम सीखते हुए आगे बढ़ते हैं। हम अपनी असफलताओं से सबक लेते हुए आगे बढ़ते हैं। सन 1914 में थॉमस एडीसन ( Thomas Edison ) की फैक्ट्री जल गई। उस समय उनकी उम्र 67 साल थी। एडिशन जवान नहीं रह गए थे। और फैक्ट्री का बिमा बहुत थोड़े पैसों का था। इसके बावजूद अपनी जिंदगी भर की म्हणत को धुआँ बन कर उड़ते देख कर उन्होंने कहा -यह बरबादी बहुत कीमती है और भगवान मुझसे कुछ और चाहता है। भगवन ने हमारी साडी गलतियों को जला दिया। मैं ईश्वर को धन्यवाद  देता हूँ की उन्होंने हमें नई शुरुआत करने का मौका दिया।  कितने महान विचार ? उस तबाही के तीन हफ्ते के बाद ही उन्होंने फोनोग्राफ का अविष्कार किया। क्या शानदार  नजरिया है।  आगे सफल लो

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नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी

आज 21 वी सदी का सबसे क्रन्तिकारी तरीका है नेटवर्क मार्केटिंग है। लेकिन लोगों के मन में बहुत से सवाल होते हैं इन कंपनियों को लेकर। लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूँ की सच में नेटवर्क मार्केटिंग एक बहुत ही शानदार और बिज़नेस की तरह ही है जिसे आप बहुत कम इन्वेस्टमेंट के साथ शुरुआत कर सकते हैं। इस बिज़नेस की खास बात यह है की आपको जो भी चैलेंज आने वाला है पहले ही पता चल जाता है और परिणाम भी। नेटवर्क मार्केटिंग कम्पनी आज के समय की जरुरत है क्यूंकि आपको पता है जॉब की मारामारी और यदि आपका कैसे करके लग भी जाये तो बॉस जीना हराम कर देता है। तो यदि आपको समय की आजादी और पैसे की आजादी चाहिए तो आपको अपना नेटवर्क बनाना पड़ेगा। और नेटवर्क बनाने के लिए आपको सीखना पड़ेगा। चेतावनी -एक महत्वपूर्ण बात इसमें भी और बिज़नेस की तरह ट्रेनिंग की जरुरत होती है और उसके बाद भी अन्य व्यवसाय के तरह ही कोई गरंटी नहीं होती है की आप सफल हो ही जाएँ। स्कोप इन इंडिया -अगर मैं भारत में बात करें तो बहुत कम लोग नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी में जुड़े है अगर एक सर्वे के अनुसार और एक किताब में छपे लेख के अनुसार भार

विज्युलाइजेशन से वजन घटाया

आप इसे विज्युलाइजेशन  दौरान जब आप अल्फा लेवल पर जाकर यह स्क्रिप्ट जो निचे दिया जा रहा है उसे आप मन में दोहराएं। विज्युलेशन बहुत ही प्रभावकारी होता है। आप विज्युलाइजेशन  सुबह या शाम में कर सकते हैं। या फिर आप सफर के दौरान भी कर सकते हैं। आज विज्युलाइजेशन वजन घटाने के लिए है। मेरे सामने आइना है। आईने में,मैं दीखता हूँ। वाह ! वाह ! वाह ! किसी कितने आश्चर्य की बात है। किसी समय  मानना था की मेरा वजन घट नहीं सकता है लेकिन आज वास्तविकता मेरे सामने है ,उपयुक्त वजन के साथ मेरा शरीर आईने में दिख रहा है। पेट ,कमर, कंधे ये सभी जितने होने चाहिए थे एक सामन्य वजन के मुताबिक ही हैं। मैं अपने पैरों के निचे वजन का कांटा देख सकता हूँ मेरा वजन उतना ही दिखाई दे रहा है जितना मेरे उम्र और आयु के हिसाब से होना चाहिए था।  वजन तोलने की मशीन में कांटा स्पष्ट दिखाई दे रहा है। ( कुछ समय के बाद ) मैं अपने काम में व्यस्त हूँ ,मेरा काम बहुत स्फूर्ति से कर रहा हूँ। शीघ्रता से और स्फूर्ति से काम करने में आनंद आ रहा है। मेरा शरीर बिलकुल नया और बिलकुल हल्का महसूस हो रहा है। मेरा वजन कम होने से काम की गति भी बढ़ ग

अजीम प्रेम जी विप्रो संस्थपक एशिया के सबसे बड़े दानवीर

अजीम प्रेमजी विप्रो संस्थपक  एशिया के सबसे बड़े दानवीर  ने दान किए 52,750 करोड़ भारत सरकार ने जब कोरोना से युद्ध लड़ने के लिए मदद मांगी तो उन्हों ने दान किए 52,750 करोड़ रुपये, अब तक 145,000 करोड़ दान दे चुके हैं , अजीम प्रेमजी  जन्म 25 जुलाई 1945 में करांची में हुआ था। उनको १९६६ में कैलिफोर्निआ की स्टैण्डर्ड यूनिवर्सिटी  कम्प्यूटर की पढाई  छोड़कर भारत लौटना पड़ा। उनके पिताजी ने उन्हें 7 करोड़ की कंपनी विरासत में दी थी ,जो वनस्पति घी ,और कपडे धोने का साबुन बना रही थी।  21 साल की उम्र में प्रेमजी को बिलकुल अनुभव नहीं था ,वो खुद भी साक्षात्कार में  -मैं इसके लिए बिलकुल तैयार नहीं था। मेरे पास एक ही स्वप्न था की मुझे एक बड़ी कंपनी बनानी है। उन्होंने अपने घी, तेल साबुन बनाने  व्यवसाय में वृद्धि की साथ ही एक बड़ी कम्पनी बनाने का सपने के साथ 1980 में आई टी क्षेत्र में प्रवेश किया। 1991 में उनको जब्बरदस्त मौका मिला। भारत सर्कार ने अमेरिका की आई बी ऍम कम्पनी भारत में व्यापार करने पर प्रतिबन्ध रख दिया। एक बिज़नेस मैन नाते अजीमप्रेम जी यह मौका हाथ से गवाना नहीं चाहते थे। उनको पता था की