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Showing posts from April 24, 2017

-ब्रायन ट्रेसी के मोटिवेशनल कोट्स

ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 एक कनाडाई-अमरीकन आत्म-विस्वास और प्रेरक सार्वजानिक वक्ता और लेखक है वह सत्तर से अधिक पुष्तकों के लेखक हैं ,जिनका दर्जनों भाषाओँ में अनुवाद किया गया है। उनकी लोकप्रिय पुस्तकें ,अर्न व्हाट यू आर रियली ,इट दैट फ्रॉग! और द साइकोलॉजी ऑफ़ अचीवमेंट है आइये इनके मोटिवेशनल विचारों को जानते हैं।-ब्रायन ट्रेसी के  मोटिवेशनल कोट्स 1 जिंदगी में कॉम्बिनेशन लॉक जैसी जैसी होती है ,बस इसमें अंक ज्यादा होते हैं। अगर आप सही क्रम में सही नंबर घुमाएंगे तो ताला खुल जायेगा। ब्रायन ट्रेसी मैंने पाया है की भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आप अधिक भाग्य चाहते हैं ,तो ज्यादा जोखिम लें। ज्यादा सक्रीय बनें। ज्यादा बार नजर में आएं। ब्रायन ट्रेसी यहाँ नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने का तीन हिस्सों का सरल फार्मूला बताया जा रहा है : थोड़ी जल्दी आएं ,थोड़ी ज्यादा मेहनत से काम करें और थोड़ी ज्यादा देर तक ऑफिस में रुकें। इस फॉर्मूले का पालन करने पर आप अपने प्रर्तिस्पर्धाओं से आगे निकल जाएंगे की वे आपकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ब्रायन ट्रेसी सेल्सप...

ज्यादा समझदारी विनास का कारण होता है

दोस्तों ज्यादा समझदारी विनास का कारण होता है ऐसे तो कई उदाहरण हैं लेकिन आइये आपको एक अपने पुराण में से एक कहानी सुनाता हूँ।            कई युग पहले की की बात है दिति और कश्यप के दो पुत्र हुए हिरणायक्ष और हिरण्यकश्यप हिरणायक्ष ने धरती को समुद्र के गर्भ में फेंक दिया।  . . . . .  हाहाकार मचा. . . . . . भगवान विष्णु ने अवतार लिया और धरती को समुद्र से बहार निकाला। अब दिति ने अपने दूसरे पुत्र हिरण्यकश्यपु से कहा की तू ब्रह्मा जी की तपस्या कर. . .  .  और ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान माँग हिरण्यकश्यपु ने ठीक ऐसा ही किया,    उसने ब्रह्मा जी की तपस्या की    ब्रम्हा जी प्रसन्न हुए। ....... ब्रह्मा जी ने कहा माँग तो हिरण्यकश्यपु ने कहा "प्रभु मुझको अमर कर दो। " ........ भगवन बोले " अमर करना मेरे हाथ में नहीं है कुछ और माँग  अब हिरण्यकश्यपु ने बुद्धि लगाई देखिये कैसे  इसने कहा फिर एक काम कीजिये एक काम कीजिये  न . ..  दिन में मर सकूँ न रात में। ...... कुछ ऐसा कर दो  ....... प्रभु ने कह...

नजरिया

एक आदमी मेले में गुब्बारे बेच गुजर बसर करता था। उसके पास लाल ,पिले,नीले हरे ,और इसके अलावा कई रंग के गुब्बारे थे जब उसकी बिक्री कम होने लगती तो वह हीलियम गैस से भरा एक गुब्बारा हवा में उड़ा देता। बच्चे जब उस उड़ते गुब्बारे की तरफ देखता वैसा ही गुब्बारे पाने को आतुर हो जाते। वो उसके पास गुब्बारे खरीदने के लिए पहुँच जाते , और उस आदमी की बिक्री बड़ जाती। उस आदमी की बिक्री जब भी घटती , वह उसे बढ़ाने के लिए गुब्बारा उड़ाने का तरीका अपनाता। एक दिन गुब्बारे गुब्बारे वाले को महसूस हुआ की कोई उसका जैकेट खिंच रहा। उसने पलट कर देखा एक बच्चा खड़ा था। बच्चे ने पूछा ''अगर आप हवा में कोई काले गुब्बारे को छोड़ें , तो क्या वह भी उड़ेगा ? बच्चे के इस सवाल  ने गुब्बारे वाले के मन को छू लिया। बच्चे तरफ मुड़ कर उसने जवाब दिया " बेटे गुब्बारा अपने रंग की वजह से नहीं ,बल्कि उसके अंदर जो चीज भरी हैं उसकी वजह से उड़ता है। '' अहम् चीज हमारी अंदरूनी सख्सियत है ,हमारी इंसान की सबसे बड़ी खोज है की इंसान चाहे तो अपने नजरिये को बदल कर अपनी पूरी जिंदगी बदल सकता है। हमारा क्षेत्र चाहे जो हो हमारा नजरिया ह...

नाम और चेहरे याद रखना जरुरी है ।

                अगर आप नेटवर्क मार्केटिंग में हैं तो आपके लिए हर  असोसिएट्स  का नाम महत्वपूर्ण है। किसी ब्यक्ति का नाम कितना महत्वपूर्ण होता है आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं  विषय पे कई सारी किताबें छप चुकी है बहुत बड़े बड़े लेक्चरर इस पे लेक्चर ऑर्गनाइस करते हैं।                 आपको  समय बड़ी शर्मिंदगी महसूस होगी जब आप किसी से अपने टीम के असोसिएट्स का परिचय करवा रहे हों और आपको अपने असोसिएट्स नाम याद नहीं रहेगा।                  मैंने भी कई किताबें पड़ी ,कई सफल लोगों से सुना की नाम याद रखना महत्वपूर्ण है मैंने हाल में एक पड़ी जिसका की नाम है मैं सेलिंग में असफलता से  तक कैसे पहुंचा ? इस किताब के लेखक हैं फ्रैंक बेटगर।                                इन्होने बताया नाम और चेहरे याद रखना आसान है - 1 इम्प्रेशन     ...

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नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी

आज 21 वी सदी का सबसे क्रन्तिकारी तरीका है नेटवर्क मार्केटिंग है। लेकिन लोगों के मन में बहुत से सवाल होते हैं इन कंपनियों को लेकर। लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूँ की सच में नेटवर्क मार्केटिंग एक बहुत ही शानदार और बिज़नेस की तरह ही है जिसे आप बहुत कम इन्वेस्टमेंट के साथ शुरुआत कर सकते हैं। इस बिज़नेस की खास बात यह है की आपको जो भी चैलेंज आने वाला है पहले ही पता चल जाता है और परिणाम भी। नेटवर्क मार्केटिंग कम्पनी आज के समय की जरुरत है क्यूंकि आपको पता है जॉब की मारामारी और यदि आपका कैसे करके लग भी जाये तो बॉस जीना हराम कर देता है। तो यदि आपको समय की आजादी और पैसे की आजादी चाहिए तो आपको अपना नेटवर्क बनाना पड़ेगा। और नेटवर्क बनाने के लिए आपको सीखना पड़ेगा। चेतावनी -एक महत्वपूर्ण बात इसमें भी और बिज़नेस की तरह ट्रेनिंग की जरुरत होती है और उसके बाद भी अन्य व्यवसाय के तरह ही कोई गरंटी नहीं होती है की आप सफल हो ही जाएँ। स्कोप इन इंडिया -अगर मैं भारत में बात करें तो बहुत कम लोग नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी में जुड़े है अगर एक सर्वे के अनुसार और एक किताब में छपे लेख के अनुसार भार...

4 BASIC STEPS

हे भगवान्  मैं नेटवर्कर नहीं बनना नहीं चाहता था। लेकिन थैंक्स गॉड मैं नेटवर्कर बन गया क्यूंकि मैं आज मेरे पास सकरात्मक विचार है ,मानशिक शांति है ,स्वास्थ्य है ,सम्मान है ,पहचान है और पैसा भी। मैंने  जितने भी नेटवर्कर को देखा है सभी सफल नेटवर्कर धन-संपत्ति को सबसे अंत में रखते हैं अपने सभी उपलब्धियों में , क्यों रखते थे मुझे शुरुआत में पता नहीं चलता था क्यूंकि मुझे तो लगता था पैसा ही सबसे मत्वपूर्ण होता है पर आज मैं जिस मुकाम पे हूँ मुझे लगता है अगर आपके पास सेल्स के बारे आपके पास उचित ज्ञान हो तो आपके लिए भी यहाँ सफलता पाना बहुत आसान हो जायेगा और आप हमारी बात से सहमत हो जायेंगे।  अगर गाना एक कला है ,नाचना एक कला है ,अभिनय एक कला है उसी तरह बेचना भी एक कला है और सभी अन्य कलाओं की तरह भी।  अगर आपने गाना सीखा नहीं क्या आप गा सकते हैं ? आपने नाचना सीखा नहीं क्या आप नाच सकते हैं तो बिना सीखे आप बेच कैसे सकते हैं ,आपको कुछ भी बेचने के लिए सीखना पड़ेगा।  अब वैसे भी नेटवर्किंग सेक्टर में सफलता पाना पहले की उपेक्षा बहुत आसान हो गया है क्यूंकि आज के समय...

मुनिश्री तरुणसागर जी के कड़वे प्रवचन

एक सेठ बीमार बीमार था। दवा खाने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा था। आखिर वह हकीम लुकमान से मिला। लुकमान ने कुछ गोलिया दी और कहा -इन्हें तीन बार अपने माथे के पसीने में पिघलकर खा लेना। सेठ कुछ ही दिनों में ठीक हो गया। शिष्य ने कहा- गुरुदेव ! बड़ी चमत्कारी दवा है। लुकमान हँसा और बोला - दवा क्या उपलों की राख थी। पर उसे तीन बार माथे पर पसीने लेन के लिए बड़ी मेहनत  करनी पड़ी होगी। यह चमत्कार उसी पसीने का है। सच्ची नींद और स्वाद चाइये तो पसीना बहाना मत भूलना। जिंदगी में तीन चीजों का अर्जन जरूर करें। बचपन में ज्ञान का , जवानी में संपत्ति का और बुढ़ापे में पुण्य का। बचपन अध्यन के  बुढ़ापा आत्म-चिंतन के लिए है। किसी छात्र ने पूछा कितने घंटे पढ़ना चाहिए ? जिस क्लास  में हैं ,स्कूल के अलावा उतने ही घंटे ,10 वी में हों तो 10 घंटे और 12 वी  12 घंटे। अगर आप तरुणसागर का कहा मानें तो मैं आपसे एक निवेदन करना चाहूंगा की अपने मित्र,चरित्र को हमेसा रखें पवित्र क्यूंकि यही है जिंदगी का असली इत्र। आपको पता है की चरित्र के पतन में प्रायः गलत मित्रों और गलत चित्रों का हाथ होता है। गलत म...