ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 एक कनाडाई-अमरीकन आत्म-विस्वास और प्रेरक सार्वजानिक वक्ता और लेखक है वह सत्तर से अधिक पुष्तकों के लेखक हैं ,जिनका दर्जनों भाषाओँ में अनुवाद किया गया है। उनकी लोकप्रिय पुस्तकें ,अर्न व्हाट यू आर रियली ,इट दैट फ्रॉग! और द साइकोलॉजी ऑफ़ अचीवमेंट है आइये इनके मोटिवेशनल विचारों को जानते हैं।-ब्रायन ट्रेसी के मोटिवेशनल कोट्स 1 जिंदगी में कॉम्बिनेशन लॉक जैसी जैसी होती है ,बस इसमें अंक ज्यादा होते हैं। अगर आप सही क्रम में सही नंबर घुमाएंगे तो ताला खुल जायेगा। ब्रायन ट्रेसी मैंने पाया है की भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आप अधिक भाग्य चाहते हैं ,तो ज्यादा जोखिम लें। ज्यादा सक्रीय बनें। ज्यादा बार नजर में आएं। ब्रायन ट्रेसी यहाँ नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने का तीन हिस्सों का सरल फार्मूला बताया जा रहा है : थोड़ी जल्दी आएं ,थोड़ी ज्यादा मेहनत से काम करें और थोड़ी ज्यादा देर तक ऑफिस में रुकें। इस फॉर्मूले का पालन करने पर आप अपने प्रर्तिस्पर्धाओं से आगे निकल जाएंगे की वे आपकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ब्रायन ट्रेसी सेल्सपर्सन ,उद्दमी य
दोस्तों ज्यादा समझदारी विनास का कारण होता है ऐसे तो कई उदाहरण हैं लेकिन आइये आपको एक अपने पुराण में से एक कहानी सुनाता हूँ। कई युग पहले की की बात है दिति और कश्यप के दो पुत्र हुए हिरणायक्ष और हिरण्यकश्यप हिरणायक्ष ने धरती को समुद्र के गर्भ में फेंक दिया। . . . . . हाहाकार मचा. . . . . . भगवान विष्णु ने अवतार लिया और धरती को समुद्र से बहार निकाला। अब दिति ने अपने दूसरे पुत्र हिरण्यकश्यपु से कहा की तू ब्रह्मा जी की तपस्या कर. . . . और ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान माँग हिरण्यकश्यपु ने ठीक ऐसा ही किया, उसने ब्रह्मा जी की तपस्या की ब्रम्हा जी प्रसन्न हुए। ....... ब्रह्मा जी ने कहा माँग तो हिरण्यकश्यपु ने कहा "प्रभु मुझको अमर कर दो। " ........ भगवन बोले " अमर करना मेरे हाथ में नहीं है कुछ और माँग अब हिरण्यकश्यपु ने बुद्धि लगाई देखिये कैसे इसने कहा फिर एक काम कीजिये एक काम कीजिये न . .. दिन में मर सकूँ न रात में। ...... कुछ ऐसा कर दो ....... प्रभु ने कहा तथास्तु इसने कहा न आसमान में मर सकूँ ना धरती पे कुछ ऐसा कर दो इसने बोला ना