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Showing posts from May 7, 2017

-ब्रायन ट्रेसी के मोटिवेशनल कोट्स

ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 एक कनाडाई-अमरीकन आत्म-विस्वास और प्रेरक सार्वजानिक वक्ता और लेखक है वह सत्तर से अधिक पुष्तकों के लेखक हैं ,जिनका दर्जनों भाषाओँ में अनुवाद किया गया है। उनकी लोकप्रिय पुस्तकें ,अर्न व्हाट यू आर रियली ,इट दैट फ्रॉग! और द साइकोलॉजी ऑफ़ अचीवमेंट है आइये इनके मोटिवेशनल विचारों को जानते हैं।-ब्रायन ट्रेसी के  मोटिवेशनल कोट्स 1 जिंदगी में कॉम्बिनेशन लॉक जैसी जैसी होती है ,बस इसमें अंक ज्यादा होते हैं। अगर आप सही क्रम में सही नंबर घुमाएंगे तो ताला खुल जायेगा। ब्रायन ट्रेसी मैंने पाया है की भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आप अधिक भाग्य चाहते हैं ,तो ज्यादा जोखिम लें। ज्यादा सक्रीय बनें। ज्यादा बार नजर में आएं। ब्रायन ट्रेसी यहाँ नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने का तीन हिस्सों का सरल फार्मूला बताया जा रहा है : थोड़ी जल्दी आएं ,थोड़ी ज्यादा मेहनत से काम करें और थोड़ी ज्यादा देर तक ऑफिस में रुकें। इस फॉर्मूले का पालन करने पर आप अपने प्रर्तिस्पर्धाओं से आगे निकल जाएंगे की वे आपकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ब्रायन ट्रेसी सेल्सपर्सन ,उद्दमी य

THINK AND GROW RICH

सोंचिये की कितना अच्छा होता की   सब कुछ हासिल कर पाते   सिर्फ सोंचकर लेकिन आप मानो  या न मानो  ऐसा हो सकता है लेकिन इसके लिए हमारे पास होनी चाहिए ज्वलंत इक्षा  उसके बदले में हम कोई भी चीज उसके बदले लगाने की हिम्मत रखते हों ज्वलंत इक्षा  वो जूनून है जो आगे बढ़ाता है डिजायर कभी देखि नहीं जा सकती है पर आपके एक्शन में झलकती है इंसान का उड़ना इम्पॉसिबल माना  जाता था ज्वलंत इक्षा   ही थी की असंभव  को संभव कर दिखाया राइट ब्रदर्स  ने एयरोप्लेन का अविष्कार करके। ये  ज्वलंत इक्षा   ही थी हजार बार भी फ़ैल होने के बावजूद  थामस अल्वा ऑडिशन ने बल्ब का अविष्कार कर दिया ये  ज्वलंत इक्षा   ही तो थी स्टीव जॉब्स ने अपने गरजे में एप्पल कम्प्यूटर्स बना डाला। ऐसे उदाहरण सिर्फ  इतिहास  में ही नहीं ऐसे ढेरों उदाहरण आपको आज भी मिल जायेंगे ये  ज्वलंत इक्षा   ही था था की सचिन तेंदुलकर को एक महान खिलाडी बना दिया। ज्वलंत इक्षा  ही था  मिडिल क्लास लड़के अदुल रहमान को शाहरुख खान बना दिया जिंदगी में कुछ भी पाने के लिए एक  ज्वलंत इक्षा   होना बेहद जरुरी है इच्छा  को वास्तविकता में बदलें - मान ली

छोटे से छोटे विकल्प का चुनाव बड़ा परिणाम

महान वैज्ञानिकों में से एक महान वैज्ञानिक आइंस्टाइन ने एक दिन कहा था कंपाउंड इंट्रेस्ट वन  ऑफ़ दी आइट  वंडर ऑफ़ थिस वर्ल्ड।  उनके इसी बात से प्रेरित होकर डैरेन हार्डी ने एक किताब लिखी जिसका नाम द  कंपाउंड इफ़ेक्ट लिखा है मैं आपसे सबसे पहले पूछना चाहता हूँ आपको क्या लगता है किसी भी इंसान का सक्सेस होना या फेलियर होना का रुट फैक्टर क्या होता है उनका बचपन ,स्कूलिंग ,लालन- पोसन,वातावरण  या फिर और कुछ।  लेखक इस किताब में कहते  हैं  उनके अपने लिए जीवन में  छोटे से छोटे विकल्प का चुनाव। इस पुरे यूनिवर्स में सिर्फ एक ही चीज है जिसे आप चाहे तो पूरी तरह से कण्ट्रोल कर सकते हैं और वो है हमारे चविकल्प का चुनाव । यही हमारी विकल्प का चुनाव  हमे अपने जिंदगी में होने वाले परिणामों के लिए जिम्मेदार है , आप चाहो तो आप ऑफिस से लौटकर जिम जा सकते हैं या फिर सोफे पर बैठ कर टीवी देख सकते हैं  आप चाहो तो अपनी बीवी से लड़ाई करने के बाद सबकुछ भूलकर  आप अपनी वाइफ को गले लगा सकते हैं। या फिर अपने ईगो को बढ़ावा देकर वहां से निकल सकते हो  ऐसी छोटी छोटी विकल्प का चुनाव  ही आपके जिंदगी में होने वाल

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नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी

आज 21 वी सदी का सबसे क्रन्तिकारी तरीका है नेटवर्क मार्केटिंग है। लेकिन लोगों के मन में बहुत से सवाल होते हैं इन कंपनियों को लेकर। लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूँ की सच में नेटवर्क मार्केटिंग एक बहुत ही शानदार और बिज़नेस की तरह ही है जिसे आप बहुत कम इन्वेस्टमेंट के साथ शुरुआत कर सकते हैं। इस बिज़नेस की खास बात यह है की आपको जो भी चैलेंज आने वाला है पहले ही पता चल जाता है और परिणाम भी। नेटवर्क मार्केटिंग कम्पनी आज के समय की जरुरत है क्यूंकि आपको पता है जॉब की मारामारी और यदि आपका कैसे करके लग भी जाये तो बॉस जीना हराम कर देता है। तो यदि आपको समय की आजादी और पैसे की आजादी चाहिए तो आपको अपना नेटवर्क बनाना पड़ेगा। और नेटवर्क बनाने के लिए आपको सीखना पड़ेगा। चेतावनी -एक महत्वपूर्ण बात इसमें भी और बिज़नेस की तरह ट्रेनिंग की जरुरत होती है और उसके बाद भी अन्य व्यवसाय के तरह ही कोई गरंटी नहीं होती है की आप सफल हो ही जाएँ। स्कोप इन इंडिया -अगर मैं भारत में बात करें तो बहुत कम लोग नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी में जुड़े है अगर एक सर्वे के अनुसार और एक किताब में छपे लेख के अनुसार भार

विज्युलाइजेशन से वजन घटाया

आप इसे विज्युलाइजेशन  दौरान जब आप अल्फा लेवल पर जाकर यह स्क्रिप्ट जो निचे दिया जा रहा है उसे आप मन में दोहराएं। विज्युलेशन बहुत ही प्रभावकारी होता है। आप विज्युलाइजेशन  सुबह या शाम में कर सकते हैं। या फिर आप सफर के दौरान भी कर सकते हैं। आज विज्युलाइजेशन वजन घटाने के लिए है। मेरे सामने आइना है। आईने में,मैं दीखता हूँ। वाह ! वाह ! वाह ! किसी कितने आश्चर्य की बात है। किसी समय  मानना था की मेरा वजन घट नहीं सकता है लेकिन आज वास्तविकता मेरे सामने है ,उपयुक्त वजन के साथ मेरा शरीर आईने में दिख रहा है। पेट ,कमर, कंधे ये सभी जितने होने चाहिए थे एक सामन्य वजन के मुताबिक ही हैं। मैं अपने पैरों के निचे वजन का कांटा देख सकता हूँ मेरा वजन उतना ही दिखाई दे रहा है जितना मेरे उम्र और आयु के हिसाब से होना चाहिए था।  वजन तोलने की मशीन में कांटा स्पष्ट दिखाई दे रहा है। ( कुछ समय के बाद ) मैं अपने काम में व्यस्त हूँ ,मेरा काम बहुत स्फूर्ति से कर रहा हूँ। शीघ्रता से और स्फूर्ति से काम करने में आनंद आ रहा है। मेरा शरीर बिलकुल नया और बिलकुल हल्का महसूस हो रहा है। मेरा वजन कम होने से काम की गति भी बढ़ ग

अजीम प्रेम जी विप्रो संस्थपक एशिया के सबसे बड़े दानवीर

अजीम प्रेमजी विप्रो संस्थपक  एशिया के सबसे बड़े दानवीर  ने दान किए 52,750 करोड़ भारत सरकार ने जब कोरोना से युद्ध लड़ने के लिए मदद मांगी तो उन्हों ने दान किए 52,750 करोड़ रुपये, अब तक 145,000 करोड़ दान दे चुके हैं , अजीम प्रेमजी  जन्म 25 जुलाई 1945 में करांची में हुआ था। उनको १९६६ में कैलिफोर्निआ की स्टैण्डर्ड यूनिवर्सिटी  कम्प्यूटर की पढाई  छोड़कर भारत लौटना पड़ा। उनके पिताजी ने उन्हें 7 करोड़ की कंपनी विरासत में दी थी ,जो वनस्पति घी ,और कपडे धोने का साबुन बना रही थी।  21 साल की उम्र में प्रेमजी को बिलकुल अनुभव नहीं था ,वो खुद भी साक्षात्कार में  -मैं इसके लिए बिलकुल तैयार नहीं था। मेरे पास एक ही स्वप्न था की मुझे एक बड़ी कंपनी बनानी है। उन्होंने अपने घी, तेल साबुन बनाने  व्यवसाय में वृद्धि की साथ ही एक बड़ी कम्पनी बनाने का सपने के साथ 1980 में आई टी क्षेत्र में प्रवेश किया। 1991 में उनको जब्बरदस्त मौका मिला। भारत सर्कार ने अमेरिका की आई बी ऍम कम्पनी भारत में व्यापार करने पर प्रतिबन्ध रख दिया। एक बिज़नेस मैन नाते अजीमप्रेम जी यह मौका हाथ से गवाना नहीं चाहते थे। उनको पता था की