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Showing posts from April 23, 2017

-ब्रायन ट्रेसी के मोटिवेशनल कोट्स

ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 एक कनाडाई-अमरीकन आत्म-विस्वास और प्रेरक सार्वजानिक वक्ता और लेखक है वह सत्तर से अधिक पुष्तकों के लेखक हैं ,जिनका दर्जनों भाषाओँ में अनुवाद किया गया है। उनकी लोकप्रिय पुस्तकें ,अर्न व्हाट यू आर रियली ,इट दैट फ्रॉग! और द साइकोलॉजी ऑफ़ अचीवमेंट है आइये इनके मोटिवेशनल विचारों को जानते हैं।-ब्रायन ट्रेसी के  मोटिवेशनल कोट्स 1 जिंदगी में कॉम्बिनेशन लॉक जैसी जैसी होती है ,बस इसमें अंक ज्यादा होते हैं। अगर आप सही क्रम में सही नंबर घुमाएंगे तो ताला खुल जायेगा। ब्रायन ट्रेसी मैंने पाया है की भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आप अधिक भाग्य चाहते हैं ,तो ज्यादा जोखिम लें। ज्यादा सक्रीय बनें। ज्यादा बार नजर में आएं। ब्रायन ट्रेसी यहाँ नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने का तीन हिस्सों का सरल फार्मूला बताया जा रहा है : थोड़ी जल्दी आएं ,थोड़ी ज्यादा मेहनत से काम करें और थोड़ी ज्यादा देर तक ऑफिस में रुकें। इस फॉर्मूले का पालन करने पर आप अपने प्रर्तिस्पर्धाओं से आगे निकल जाएंगे की वे आपकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ब्रायन ट्रेसी सेल्सपर्सन ,उद्दमी य

किताब पड़ने के फायदे /अपलाइन का रोल

रिकमंडेड किताबों के बारे में जानकारी  लेते रहें।  कोई भी किताब पढ़कर अपनी समय और ऊर्जा बर्बाद न करें ,वैसे हमे  हर किताब से ज्ञान होता है पर हम जिस सेक्टर में हैं उसी की रेकमेंड किताब पड़ें। आप जिस लेवल में हैं उसी लेवल का किताब पड़ें , इस बारे में अपने एक्टिव अपलाइन से  पूछें। किताबें मांग कर नहीं खरीदकर पड़ें। किताब पड़ने की अच्छी आदत को विकसित करें ,इस से आपकी पूरी दुनिया बदल जाएगी  आपको कामयाबी दिलाने के लिए जरुरी जोश ,सकरात्मक ,नजरिया ,उत्साह ,ज्ञान ,टिप्स,तरीके,मार्गदर्सन और तकनीकें सभी कुछ आपको किताबों से  मिलने वाली है। किताबों को पड़ने से आपका हौसला और प्रभाव बढ़ेगा।  किताबों को पड़ने से आपकी हर बार समझ बढ़ेगी  आप किताब के माध्यम से किसी लेखक का पुरे जीवन का ज्ञान कुछ ही समय में ले सकते हैं।  किसी को किताब का नाम लेकर न करें बल्कि किताब दिखाकर और पढ़कर  प्रोमोट करें। किताब पड़ने से आपकी कमजोरियां दूर होंगी। आपमें जीत  के लिए जरूरी गुणों का विकास होगा  आप आत्मनिर्भर बनेंगे।  मैंने  यह किताब को कई बार पड़ा है  हर बार कोई न कोई नया ज्ञान होता है बहुत ही प्

प्रेजेन्टर /स्पीकर

अपना  रोल समझें  जब आप इस व्यवसाय से जुड़ते हैं हर किसी का महत्वपूर्ण होता है। जब आप किसी को प्लान किसी के घर पे  दिखा रहें हैं या स्टेज के माध्यम से आप एक प्रेजेन्टर /स्पीकर की भूमिका निभा रहे हैं। क्या करें ?/ क्या न करें ? याद रखें की जब आप प्रेजेंटर /स्पीकर के रूप में लोगों  सामने होते हैं तो आप कंपनी को प्रेजेंट कर रहें हैं,आप कंपनी का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं  लोग आपको नहीं कंपनी के नजरिये से देखते हैं। तथ्यों और आंकड़ों को कभी भी बड़ा चढ़ा कर न प्रस्तुत करें।  वेशभूसा का अवश्य ध्यान रखें। माहौल और समय  अनुसार ड्रेस पहने। क्योंकि जब आप प्रेजेंटर /स्पीकर होते हैं  सभी का ध्यान आपकी तरफ रहता है।  सच्चे उत्साह में रहें, चेहरे पे मुस्कान ,आप महसूस करें की लोगों से मिलकर सचमुच खुश हैं  कम से कम समय में जो जरुरी हो वही बोलें ,सही भाषा  प्रयोग करें।  कभी श्रोता की तरफ ऊँगली दिखा कर बातें न करें।  स्टेज के माध्यम से किसी क्रॉसलाइन ,अपलाइन  लीडर के बारे में नकरात्मक न बोलें।  आपके मुख से निकले शब्द ब्रह्मा वाक्य की तरह होता है ,स्टेज की इज्जत करें  आपके मुख से निकले

माता पिता साथ व्यवहार के नियम

पहला -अपने माता -पिता का आदर करो।  दूसरा - उनको दुनिया की बड़ी से बड़ी चीज देने की चेस्टा करो।  तीसरा -अपने माता पिता से कभी इसकी चर्चा न करे की कब-कब तुमने उनका सम्मान किया या उनका काम। किया।  चौथी - उनकी बात न काटो।  पांचवा - उनकी आवाज पर फ़ौरन हाजिर हो जाओ।  छठा -उनसे बातें करते वक़्त मुँह न बनाओ  सातवां -उनकी हर आज्ञा का पालन करो।  आठवां - अपने माता-पिता से बात करते समय ऊँची आवाज में न बोलो।  नौंवां -अपने माता-पिता की राय के  बिना  सफर पर न निकलो।  दसवां - उन्हें खुशी पहुँचाने की कोशिस करो।  ग्यारहवां - अपने माता-पिता से सदा प्यार करो। क्योँकि हर अच्छी चीज उन्ही से हासिल हुई है 

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नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी

आज 21 वी सदी का सबसे क्रन्तिकारी तरीका है नेटवर्क मार्केटिंग है। लेकिन लोगों के मन में बहुत से सवाल होते हैं इन कंपनियों को लेकर। लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूँ की सच में नेटवर्क मार्केटिंग एक बहुत ही शानदार और बिज़नेस की तरह ही है जिसे आप बहुत कम इन्वेस्टमेंट के साथ शुरुआत कर सकते हैं। इस बिज़नेस की खास बात यह है की आपको जो भी चैलेंज आने वाला है पहले ही पता चल जाता है और परिणाम भी। नेटवर्क मार्केटिंग कम्पनी आज के समय की जरुरत है क्यूंकि आपको पता है जॉब की मारामारी और यदि आपका कैसे करके लग भी जाये तो बॉस जीना हराम कर देता है। तो यदि आपको समय की आजादी और पैसे की आजादी चाहिए तो आपको अपना नेटवर्क बनाना पड़ेगा। और नेटवर्क बनाने के लिए आपको सीखना पड़ेगा। चेतावनी -एक महत्वपूर्ण बात इसमें भी और बिज़नेस की तरह ट्रेनिंग की जरुरत होती है और उसके बाद भी अन्य व्यवसाय के तरह ही कोई गरंटी नहीं होती है की आप सफल हो ही जाएँ। स्कोप इन इंडिया -अगर मैं भारत में बात करें तो बहुत कम लोग नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी में जुड़े है अगर एक सर्वे के अनुसार और एक किताब में छपे लेख के अनुसार भार

विज्युलाइजेशन से वजन घटाया

आप इसे विज्युलाइजेशन  दौरान जब आप अल्फा लेवल पर जाकर यह स्क्रिप्ट जो निचे दिया जा रहा है उसे आप मन में दोहराएं। विज्युलेशन बहुत ही प्रभावकारी होता है। आप विज्युलाइजेशन  सुबह या शाम में कर सकते हैं। या फिर आप सफर के दौरान भी कर सकते हैं। आज विज्युलाइजेशन वजन घटाने के लिए है। मेरे सामने आइना है। आईने में,मैं दीखता हूँ। वाह ! वाह ! वाह ! किसी कितने आश्चर्य की बात है। किसी समय  मानना था की मेरा वजन घट नहीं सकता है लेकिन आज वास्तविकता मेरे सामने है ,उपयुक्त वजन के साथ मेरा शरीर आईने में दिख रहा है। पेट ,कमर, कंधे ये सभी जितने होने चाहिए थे एक सामन्य वजन के मुताबिक ही हैं। मैं अपने पैरों के निचे वजन का कांटा देख सकता हूँ मेरा वजन उतना ही दिखाई दे रहा है जितना मेरे उम्र और आयु के हिसाब से होना चाहिए था।  वजन तोलने की मशीन में कांटा स्पष्ट दिखाई दे रहा है। ( कुछ समय के बाद ) मैं अपने काम में व्यस्त हूँ ,मेरा काम बहुत स्फूर्ति से कर रहा हूँ। शीघ्रता से और स्फूर्ति से काम करने में आनंद आ रहा है। मेरा शरीर बिलकुल नया और बिलकुल हल्का महसूस हो रहा है। मेरा वजन कम होने से काम की गति भी बढ़ ग

अजीम प्रेम जी विप्रो संस्थपक एशिया के सबसे बड़े दानवीर

अजीम प्रेमजी विप्रो संस्थपक  एशिया के सबसे बड़े दानवीर  ने दान किए 52,750 करोड़ भारत सरकार ने जब कोरोना से युद्ध लड़ने के लिए मदद मांगी तो उन्हों ने दान किए 52,750 करोड़ रुपये, अब तक 145,000 करोड़ दान दे चुके हैं , अजीम प्रेमजी  जन्म 25 जुलाई 1945 में करांची में हुआ था। उनको १९६६ में कैलिफोर्निआ की स्टैण्डर्ड यूनिवर्सिटी  कम्प्यूटर की पढाई  छोड़कर भारत लौटना पड़ा। उनके पिताजी ने उन्हें 7 करोड़ की कंपनी विरासत में दी थी ,जो वनस्पति घी ,और कपडे धोने का साबुन बना रही थी।  21 साल की उम्र में प्रेमजी को बिलकुल अनुभव नहीं था ,वो खुद भी साक्षात्कार में  -मैं इसके लिए बिलकुल तैयार नहीं था। मेरे पास एक ही स्वप्न था की मुझे एक बड़ी कंपनी बनानी है। उन्होंने अपने घी, तेल साबुन बनाने  व्यवसाय में वृद्धि की साथ ही एक बड़ी कम्पनी बनाने का सपने के साथ 1980 में आई टी क्षेत्र में प्रवेश किया। 1991 में उनको जब्बरदस्त मौका मिला। भारत सर्कार ने अमेरिका की आई बी ऍम कम्पनी भारत में व्यापार करने पर प्रतिबन्ध रख दिया। एक बिज़नेस मैन नाते अजीमप्रेम जी यह मौका हाथ से गवाना नहीं चाहते थे। उनको पता था की