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Showing posts from December 31, 2017

-ब्रायन ट्रेसी के मोटिवेशनल कोट्स

ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 एक कनाडाई-अमरीकन आत्म-विस्वास और प्रेरक सार्वजानिक वक्ता और लेखक है वह सत्तर से अधिक पुष्तकों के लेखक हैं ,जिनका दर्जनों भाषाओँ में अनुवाद किया गया है। उनकी लोकप्रिय पुस्तकें ,अर्न व्हाट यू आर रियली ,इट दैट फ्रॉग! और द साइकोलॉजी ऑफ़ अचीवमेंट है आइये इनके मोटिवेशनल विचारों को जानते हैं।-ब्रायन ट्रेसी के  मोटिवेशनल कोट्स 1 जिंदगी में कॉम्बिनेशन लॉक जैसी जैसी होती है ,बस इसमें अंक ज्यादा होते हैं। अगर आप सही क्रम में सही नंबर घुमाएंगे तो ताला खुल जायेगा। ब्रायन ट्रेसी मैंने पाया है की भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आप अधिक भाग्य चाहते हैं ,तो ज्यादा जोखिम लें। ज्यादा सक्रीय बनें। ज्यादा बार नजर में आएं। ब्रायन ट्रेसी यहाँ नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने का तीन हिस्सों का सरल फार्मूला बताया जा रहा है : थोड़ी जल्दी आएं ,थोड़ी ज्यादा मेहनत से काम करें और थोड़ी ज्यादा देर तक ऑफिस में रुकें। इस फॉर्मूले का पालन करने पर आप अपने प्रर्तिस्पर्धाओं से आगे निकल जाएंगे की वे आपकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ब्रायन ट्रेसी सेल्सप...

नववर्ष 2018 में खुद को बदलने का संकल्प

नववर्ष 2018 में खुद को बदलने का संकल्प- एक कर्मचारी था ,जिसकी हमेशा शिकायत करने की आदत थी। हर समय उसके उसके मुँह पे किसी बात की शिकायत रहती थी ,अपनी नौकरी के बारे में ,अपने पडोसी के बारे में। सोमवार की दोपहर का भोजन को करने सभी कर्मचारी एक साथ बैठे तो वो अपने साथ लाये भोजन को निकाला तो उसके टिफिन से सैंडविच वेज निकला ,वेज सैंडविच को अजीब नजरों से देखा और खा लिया। मंगलवार को फिर से दोपहर में टिफिन से उसके सैंडविच निकला ,फिर से वही अजीब सी प्रतिकिर्या ,लेकिन आज फिर से खा लिया।  बुधवार  फिर से दोपहर में जब सभी खाने के लिए बैठे हुए थे वो फिर अपना टिफिन खोला तो उसमें से फिर से वेज सैंडविच , आज वो प्रतिकिर्या के साथ-साथ  बुदबुदाया -ये क्या रोज रोज सैंडविच उफ़! ये बोलकर बुझे मन से  फिर से खा लिया। गुरुवार को कुछ दूसरे चीज की उम्मीद से टिफ़िन खोला , तो दोबारा से आज फिर से सैंडविच -वो चिल्ला उठा अब अगर दोबारा सैंडविच मैंने अपने टिफ़िन में देखा तो  आत्महत्या कर लूंगा ,लेकिन अब सैंडविच नहीं खाऊंगा। उसके पास बैठे कर्मचारी ने कहा- दोस्त अपने पत्नी को क...

रोबीला व्यक्तित्व बनाये रखें

सार्थक और सम्यक दो भाई थे और दोनों भाई का अलग-अलग स्वभाव था। सार्थक बहुत  गुस्सैल जबकि सम्यक बहुत शांत। सार्थक रोजाना किसी न किसी झगड़ा कर आता था ,जबकि सम्यक अक्सर अपने साथियों के बिच हंसी का पात्र बना रहता था। जब कभी सार्थक झगड़ कर आता था तो सम्यक उसे समझाता था -तुम बहुत गुस्सैल हो तुम्हे शांत होना चाहिए ,कोई कुछ बोले तो सुन लेना चाहिए ,जवाब देने से कुछ नहीं होगा।  वहीँ जब कभी सम्यक उदास होकर घर आकर लौट आता तो उसे सार्थक समझाता -भाई सीधे-सादे बने रहोगे ,तो डांट कर कोई भी चला जायेगा , तुम्हे मेरी तरह गुस्सैल होना चाहिए ,किसी ने जैसे ही कुछ बोलै उसका मुहतोड़ जवाब देना चाहिए।   दोनों भाइयों की बात एक दिन उसके पिता ने सुनी तो उनके पिता ने उन दोनों को समझने के मकसद से एक कहानी सुनायी। एक जंगल में भयंकर सर्प रहता था। उसके आतंक के कारण कोई वहां जाता नहीं था। एक दिन उस जंगल से एक ऋषि मुनि गुजर रहे थे ,जैसे ही सर्प ने ऋषि को देखा तो उनकी तरफ लपका और काटना चाहा ,परन्तु ऋषि मुनि ने अपने योग बल से उस पर विजय पा ली। सर्प बोलै-क्षमा कीजिये महाराज मैं आपकी शर...

हार के आगे जीत की कहानी

हार के आगे जीत की कहानी - होंडा - होंडा कंपनी के संस्थापक सोइचिरो होंडा ने जिंदगी के कई मोड़ पे असफलता देखी। उन्होंने जब टोयोटा कंपनी में इंटरव्यू दिया था तो उन्हें असफल घोसित किया गया था। वे गरीबी में पीला-बड़े ,पिता को साइकिल-रिपेयर की छोटी सी दुकान थी। उन्हें कोई औपचारिक शिक्षा नहीं मिली थी ,16 वर्ष की उम्र में वे टोकियो पहुंचे। वहां पे अप्रेंटिशिप के लिए आवेदन दिया ,उम्र एक वर्ष कम थी ,इसलिए उन्होंने कंपनी मालिक के घर में एक साल काम किया। बाद में एक साल कंपनी मालिक घर पे काम करने के वावजूद अप्रेंटिशिप भी न मिली।  फिर निराश होकर गॉव पहुंचे। जल्द ही उन्होंने निराशा छोड़कर रिपेयरिंग की छोटी दूकान खोली। कई दिनों तक वहीँ काम किया आगे कुछ ही दिनों में कई पार्ट्स जोड़कर मोटरसाइकल बना दी। यह  मोटरसाइकल   की सबसे बेहतरीन मोटरसाइकल मणि गई थी। फिर इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। न्यूटन -किसी भी स्कूली छात्र के मुँह पहले वैज्ञानिक के तौर पर न्यूटन का नाम आता है। न्यूटन बचपन में ठीक से नहीं पद पाए थे। उनकी माँ ने दुरी सदी की थी इसलिए वे अकेलापन महसूस करते...

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4 BASIC STEPS

हे भगवान्  मैं नेटवर्कर नहीं बनना नहीं चाहता था। लेकिन थैंक्स गॉड मैं नेटवर्कर बन गया क्यूंकि मैं आज मेरे पास सकरात्मक विचार है ,मानशिक शांति है ,स्वास्थ्य है ,सम्मान है ,पहचान है और पैसा भी। मैंने  जितने भी नेटवर्कर को देखा है सभी सफल नेटवर्कर धन-संपत्ति को सबसे अंत में रखते हैं अपने सभी उपलब्धियों में , क्यों रखते थे मुझे शुरुआत में पता नहीं चलता था क्यूंकि मुझे तो लगता था पैसा ही सबसे मत्वपूर्ण होता है पर आज मैं जिस मुकाम पे हूँ मुझे लगता है अगर आपके पास सेल्स के बारे आपके पास उचित ज्ञान हो तो आपके लिए भी यहाँ सफलता पाना बहुत आसान हो जायेगा और आप हमारी बात से सहमत हो जायेंगे।  अगर गाना एक कला है ,नाचना एक कला है ,अभिनय एक कला है उसी तरह बेचना भी एक कला है और सभी अन्य कलाओं की तरह भी।  अगर आपने गाना सीखा नहीं क्या आप गा सकते हैं ? आपने नाचना सीखा नहीं क्या आप नाच सकते हैं तो बिना सीखे आप बेच कैसे सकते हैं ,आपको कुछ भी बेचने के लिए सीखना पड़ेगा।  अब वैसे भी नेटवर्किंग सेक्टर में सफलता पाना पहले की उपेक्षा बहुत आसान हो गया है क्यूंकि आज के समय...

चिंता छोड़ो सुख से जियो

चिंता छोड़ो सुख से जियो - एक ऐसी किताब जो मुझे लगता है की हर घर में होना ही चाहिए।  आप देख रहे हैं की अभी कोरोना वायरस एक महामारी के रूप में पुरे संसार में फैला हुआ है , अभी भारत में भी 21 दिनों का लॉकडाउन हो रखा है ,वैसे में घर पे खाली बैठे हैं ,मन में तरह-तरह के विचार आने लगते हैं। भविष्य को लेकर वायरस को लेकर ,अपने परिवार  में चिंता होना सुरु हो जाता है। वैसे में यह किताब आपके लिए मार्गदर्शिका का काम करेगी , में हर चिंता पर विजय  प्राप्त कर सकते हैं इसके  बहुत ही अच्छे तरीके से बताया गया है ,जैसे - चिंता के बारे में मूलभूत तथ्य ,जो आपको पता होने चाहिए।  वर्तमान में एक-एक दिन जियें -हमारा काम यह देखना नहीं की दूर धुधंलके में क्या दीखता है , करना है  सामने है। बाइबल के शब्द -आने वाले कल की चिंता मत करो।  वही खुस है और केवल वही खुस है , जो आज को अपना कह सकता है , जो आत्मविश्वास से कह सकता है ; कल तुम्हें जो करना है कर लेना ,मैंने आज जी लिया है।  चिंताजनक स्थतियों को सुलझाने का जादुई फार्मूला के बारे में बताया गया है - ...

आप को बदलना होगा

जीवन के महान सबक में से एक जब तक आप को कुछ भी नहीं मिलेगा जब तक आप कुछ भी बदलाव नहीं करेंगे  बेहतर चाहिए तो आपको बेहतर बनना पड़ेगा मैं आपसे परिस्तथी के बारे में बात कर रहा हूँ  भाग्य के बारे में नहीं हम सबको अच्छा और बुरा मिलता है चुनौतियाँ मिलती है हमारे जीवन में तरह तरह की घटनाएं घटती है यह तो मानव जीवन का हिस्सा है उन परिस्ठिओं में क्या करते हो कैसी बातें करते हो क्या आप अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए के लिए इंतजार करते हैं कुछ तो परिवर्तन होगा के आशा में पड़े रहते हैं अपने रिश्ते को बदलने का  इंतजार करते रहते हैं कुछ के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं ? कुछ भी नहीं बदलेगा जब तक आप नहीं बदलते  आप को बदलना होगा जब आप बदल जायेंगे अपने आप सब कुछ बदल जायेगा यदि आप चाहते हैं तो आपको बेहतर बनना  पड़ेगा और जब आप बेहतर हो जायेंगे तो आपकी जिंदगी बेहतर हो जाएगी आपको  काम करना चाहिए  बजाय की किसी और पे आपको अपने आप पे काम करना चाहिए आपको दूसरों के मुकाबले आपको अपने पे अधिक काम करना चाहिए अपनी वैल्यू बढ़ानी पड़ेगी एक कदम पीछे...