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-ब्रायन ट्रेसी के मोटिवेशनल कोट्स

ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 एक कनाडाई-अमरीकन आत्म-विस्वास और प्रेरक सार्वजानिक वक्ता और लेखक है वह सत्तर से अधिक पुष्तकों के लेखक हैं ,जिनका दर्जनों भाषाओँ में अनुवाद किया गया है। उनकी लोकप्रिय पुस्तकें ,अर्न व्हाट यू आर रियली ,इट दैट फ्रॉग! और द साइकोलॉजी ऑफ़ अचीवमेंट है आइये इनके मोटिवेशनल विचारों को जानते हैं।-ब्रायन ट्रेसी के  मोटिवेशनल कोट्स 1 जिंदगी में कॉम्बिनेशन लॉक जैसी जैसी होती है ,बस इसमें अंक ज्यादा होते हैं। अगर आप सही क्रम में सही नंबर घुमाएंगे तो ताला खुल जायेगा। ब्रायन ट्रेसी मैंने पाया है की भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आप अधिक भाग्य चाहते हैं ,तो ज्यादा जोखिम लें। ज्यादा सक्रीय बनें। ज्यादा बार नजर में आएं। ब्रायन ट्रेसी यहाँ नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने का तीन हिस्सों का सरल फार्मूला बताया जा रहा है : थोड़ी जल्दी आएं ,थोड़ी ज्यादा मेहनत से काम करें और थोड़ी ज्यादा देर तक ऑफिस में रुकें। इस फॉर्मूले का पालन करने पर आप अपने प्रर्तिस्पर्धाओं से आगे निकल जाएंगे की वे आपकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ब्रायन ट्रेसी सेल्सप...

नववर्ष 2018 में खुद को बदलने का संकल्प

नववर्ष 2018 में खुद को बदलने का संकल्प-

एक कर्मचारी था ,जिसकी हमेशा शिकायत करने की आदत थी। हर समय उसके उसके मुँह पे किसी बात की शिकायत रहती थी ,अपनी नौकरी के बारे में ,अपने पडोसी के बारे में।
सोमवार की दोपहर का भोजन को करने सभी कर्मचारी एक साथ बैठे तो वो अपने साथ लाये भोजन को निकाला तो उसके टिफिन से सैंडविच वेज निकला ,वेज सैंडविच को अजीब नजरों से देखा और खा लिया।
मंगलवार को फिर से दोपहर में टिफिन से उसके सैंडविच निकला ,फिर से वही अजीब सी प्रतिकिर्या ,लेकिन आज फिर से खा लिया।
 बुधवार  फिर से दोपहर में जब सभी खाने के लिए बैठे हुए थे वो फिर अपना टिफिन खोला तो उसमें से फिर से वेज सैंडविच , आज वो प्रतिकिर्या के साथ-साथ  बुदबुदाया -ये क्या रोज रोज सैंडविच उफ़! ये बोलकर बुझे मन से  फिर से खा लिया।
गुरुवार को कुछ दूसरे चीज की उम्मीद से टिफ़िन खोला , तो दोबारा से आज फिर से सैंडविच -वो चिल्ला उठा अब अगर दोबारा सैंडविच मैंने अपने टिफ़िन में देखा तो  आत्महत्या कर लूंगा ,लेकिन अब सैंडविच नहीं खाऊंगा।
उसके पास बैठे कर्मचारी ने कहा- दोस्त अपने पत्नी को क्यों नहीं कहते की मुझे वेज सैंडविच पसंद   तुम रोज -रोज सैंडविच दे देती हो क्यों ? और साफ शब्दों में कह दो सैंडविच न दे।
इन चीजों में तुम मेरी पत्नी को बिच में मत लाओ क्यूंकि रोज टिफ़िन मैं ही पैक करता हूँ।

आप सोच रहे होंगे की वह आदमी कितना मुर्ख है , जो अपना लंच खुद ही पैक करता है और रोज सैंडविच रखकर खुद ही परेशान होता है। सच तो यह है की हम भी कुछ ऐसा ही हरकत करते हैं।हम में से कई लोग वर्तमान परिस्थति को लेकर शिकायत करते हैं ,लेकिन इसको हल करने के लिए कुछ नहीं करते हैं। कुछ लोग रोज अपनी नौकरी की शिकायत करते हैं लेकिन अपना बायोडाटा दूसरी कंपनी में नहीं भेजते हैं। हम अपनी जिम्मेदारी निभाने से डरते हैं। किसी ने सच ही कहा कुछ भी बदलने से पहले आपको खुद को बदलना होगा।

आप को नववर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं दोस्त ,हाँ आपको ही बोल रहा हूँ -
आओ आज से मिलकर एक नई  शुरुआत करें ,और खुद को बदलने की शुरुआत करें ,अगर आप दुबले होना चाहते हैं पहले रोज सुबह उठने की शुरुआत करें ,फिर मॉर्निंग वॉक की शुरुआत करें ,अगर आप कोई किताब लिखना चाहते हैं तो एक पेज की लिखने आज से ही शुरुआत करें।

नए वर्ष की संकल्प खुद को बदलने का ,क्यूंकि यदि आपने अपने आपको बदल दिया तो आपकी  दुनिया बदल जाएगी।

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