ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 एक कनाडाई-अमरीकन आत्म-विस्वास और प्रेरक सार्वजानिक वक्ता और लेखक है वह सत्तर से अधिक पुष्तकों के लेखक हैं ,जिनका दर्जनों भाषाओँ में अनुवाद किया गया है। उनकी लोकप्रिय पुस्तकें ,अर्न व्हाट यू आर रियली ,इट दैट फ्रॉग! और द साइकोलॉजी ऑफ़ अचीवमेंट है आइये इनके मोटिवेशनल विचारों को जानते हैं।-ब्रायन ट्रेसी के मोटिवेशनल कोट्स 1 जिंदगी में कॉम्बिनेशन लॉक जैसी जैसी होती है ,बस इसमें अंक ज्यादा होते हैं। अगर आप सही क्रम में सही नंबर घुमाएंगे तो ताला खुल जायेगा। ब्रायन ट्रेसी मैंने पाया है की भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आप अधिक भाग्य चाहते हैं ,तो ज्यादा जोखिम लें। ज्यादा सक्रीय बनें। ज्यादा बार नजर में आएं। ब्रायन ट्रेसी यहाँ नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने का तीन हिस्सों का सरल फार्मूला बताया जा रहा है : थोड़ी जल्दी आएं ,थोड़ी ज्यादा मेहनत से काम करें और थोड़ी ज्यादा देर तक ऑफिस में रुकें। इस फॉर्मूले का पालन करने पर आप अपने प्रर्तिस्पर्धाओं से आगे निकल जाएंगे की वे आपकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ब्रायन ट्रेसी सेल्सपर्सन ,उद्दमी य
सफलता का राजमार्ग -
असफलता ,सफलता हसिल करने का राजमार्ग है। आई.बी.एम.के टॉम वाटसन , सीनियर का कहना है - अगर आप सफल होना चाहते हैं तो अपने असफलता के दर को दूना कर दीजिये।
सफलता की सारी कहनियों के साथ महान असफलताओं की कहानी भी जुडी होती है। फर्क केवल इतना था असफलता के बाद वे जोश के साथ उठ खड़े हुए। इसे पीछे धकलने वाली नहीं , बल्कि बढ़ाने वाली नाकामयाबी कहते हैं। हम सीखते हुए आगे बढ़ते हैं। हम अपनी असफलताओं से सबक लेते हुए आगे बढ़ते हैं।
सन 1914 में थॉमस एडीसन ( Thomas Edison ) की फैक्ट्री जल गई। उस समय उनकी उम्र 67 साल थी। एडिशन जवान नहीं रह गए थे। और फैक्ट्री का बिमा बहुत थोड़े पैसों का था। इसके बावजूद अपनी जिंदगी भर की म्हणत को धुआँ बन कर उड़ते देख कर उन्होंने कहा -यह बरबादी बहुत कीमती है और भगवान मुझसे कुछ और चाहता है। भगवन ने हमारी साडी गलतियों को जला दिया। मैं ईश्वर को धन्यवाद देता हूँ की उन्होंने हमें नई शुरुआत करने का मौका दिया। कितने महान विचार ?
उस तबाही के तीन हफ्ते के बाद ही उन्होंने फोनोग्राफ का अविष्कार किया। क्या शानदार
नजरिया है।
आगे सफल लोगों की असफलताओं के कुछ उदाहरण दिए गए हैं -
- थॉमस एडिशन का बल्ब बनाने से पहले लगभग दस हजार बार असफल हुए।
- हेनरी फोर्ड 40 साल की उम्र में दिवालिया हो गए थे।
- बीथोवान जब युवा थे , तो उनसे कहा गया था की उनमें संगीत का टैलेंट नहीं है ,लेकिन उन्होंने संसार को संगीत की कुछ उत्तम रचनाएँ दी है।
- अमिताभ बच्चन को रेडियो के जॉब के लिए आयोग्य समझा गया।
- अब्दुल कलाम पेपर बेचते थे।
हमें रस्ते में ठोकरें लगेंगी। लेकिन वह हमारे लिए प्रेरणा भी बन सकती है और हमें विनम्रता का पाठ पड़ा सकती है। इससे हम मुसीबत की घड़ी में अपने अंदर बाधाओं को दूर करने की शक्ति और विस्वास को अनुभव करेंगे।
हर ठोकर लगने के बाद खुद से पूछें हमने इस तजुर्बे से क्या सीखा ?तभी हम रस्ते रोड़े को सीढ़ी बना पाएंगे।
यह मैंने पोस्ट लिया है जीत आपकी किताब से। इसके लेखक हैं शिव खेड़ा जी।
हर ठोकर लगने के बाद खुद से पूछें हमने इस तजुर्बे से क्या सीखा ?तभी हम रस्ते रोड़े को सीढ़ी बना पाएंगे।
यह मैंने पोस्ट लिया है जीत आपकी किताब से। इसके लेखक हैं शिव खेड़ा जी।
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