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Showing posts from April, 2017

-ब्रायन ट्रेसी के मोटिवेशनल कोट्स

ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 एक कनाडाई-अमरीकन आत्म-विस्वास और प्रेरक सार्वजानिक वक्ता और लेखक है वह सत्तर से अधिक पुष्तकों के लेखक हैं ,जिनका दर्जनों भाषाओँ में अनुवाद किया गया है। उनकी लोकप्रिय पुस्तकें ,अर्न व्हाट यू आर रियली ,इट दैट फ्रॉग! और द साइकोलॉजी ऑफ़ अचीवमेंट है आइये इनके मोटिवेशनल विचारों को जानते हैं।-ब्रायन ट्रेसी के  मोटिवेशनल कोट्स 1 जिंदगी में कॉम्बिनेशन लॉक जैसी जैसी होती है ,बस इसमें अंक ज्यादा होते हैं। अगर आप सही क्रम में सही नंबर घुमाएंगे तो ताला खुल जायेगा। ब्रायन ट्रेसी मैंने पाया है की भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आप अधिक भाग्य चाहते हैं ,तो ज्यादा जोखिम लें। ज्यादा सक्रीय बनें। ज्यादा बार नजर में आएं। ब्रायन ट्रेसी यहाँ नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने का तीन हिस्सों का सरल फार्मूला बताया जा रहा है : थोड़ी जल्दी आएं ,थोड़ी ज्यादा मेहनत से काम करें और थोड़ी ज्यादा देर तक ऑफिस में रुकें। इस फॉर्मूले का पालन करने पर आप अपने प्रर्तिस्पर्धाओं से आगे निकल जाएंगे की वे आपकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ब्रायन ट्रेसी सेल्सपर्सन ,उद्दमी य

आप को बदलना होगा

जीवन के महान सबक में से एक जब तक आप को कुछ भी नहीं मिलेगा जब तक आप कुछ भी बदलाव नहीं करेंगे  बेहतर चाहिए तो आपको बेहतर बनना पड़ेगा मैं आपसे परिस्तथी के बारे में बात कर रहा हूँ  भाग्य के बारे में नहीं हम सबको अच्छा और बुरा मिलता है चुनौतियाँ मिलती है हमारे जीवन में तरह तरह की घटनाएं घटती है यह तो मानव जीवन का हिस्सा है उन परिस्ठिओं में क्या करते हो कैसी बातें करते हो क्या आप अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए के लिए इंतजार करते हैं कुछ तो परिवर्तन होगा के आशा में पड़े रहते हैं अपने रिश्ते को बदलने का  इंतजार करते रहते हैं कुछ के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं ? कुछ भी नहीं बदलेगा जब तक आप नहीं बदलते  आप को बदलना होगा जब आप बदल जायेंगे अपने आप सब कुछ बदल जायेगा यदि आप चाहते हैं तो आपको बेहतर बनना  पड़ेगा और जब आप बेहतर हो जायेंगे तो आपकी जिंदगी बेहतर हो जाएगी आपको  काम करना चाहिए  बजाय की किसी और पे आपको अपने आप पे काम करना चाहिए आपको दूसरों के मुकाबले आपको अपने पे अधिक काम करना चाहिए अपनी वैल्यू बढ़ानी पड़ेगी एक कदम पीछे लें और अपनी जिंदगी को गौर से देखें क्या स
कुछ सवाल जो आपको सेल्स के समय आपको पूछने ही चाहिए और मैं इसे हर सेल्स के समय पूछता हूँ  काफी मदद करता है मेरी सेल्स कराने में अगर आपकी मृत्यु हो जाये तो आपकी पत्नी को कितनी न्यूनतम मासिक आमदनी की जरुरत होगी? जब आप की  पैंसठ साल की  आपको कितनी न्यूनतम मासिक आमदनी की जरुरत होगी  आपकी जायदाद की वर्तमान कीमत कितनी होगी  स्टॉक,बांड दूसरी सिक्योरिटीज ? रियल एस्टेट ,( मोर्टगेज)  हाथ में कैश कितना  आपका सिक्योरिटीज ?` छुट्टियां मानाने का खान मन करता है , और क्या आप जा पाते हैं। ... नहीं तो क्यों नहीं 

अपना दृष्टिकोण बनाये रखिये

अपना दृष्टिकोण बनाये रखिये हर छोटी छोटी प्रॉब्लम में अपना नजरिया मत  बदलिए। एक पुरानी कहावत के अनुसार एक दिन एक व्यक्ति को अस्पताल के कमरे में गंभीर बीमारी के साथ लाया गया जहां एक और मरीज खिड़की के पास की सैया पर आराम कर रहा था।  धीरे-धीरे उनमे दोस्ती हो गई और खिड़की के पास वाला रोगी रोज खिड़की से बहार की दुनिया की सजीव व्याख्या करते हुए बिताता। किसी दिन वह अस्पताल की बाहरी तरफ के बगीचे के बारे में बताता था। किसी और दिन वह अपने दोस्त का मनोरंजन उन लोगों की एक एक बात बताकर करता जो अस्पताल के सामने से निकल रहे होते थे। जैसे जैसे समय बीतता गया वह रोगी विस्तार से बिलकुल उठ नहीं पाता था वह अपने दोस्त के द्वारा बतलाये जाने वाले अद्भुत दृश्यों को न देख पाने की असर्मथता से विचलित हो उठा। परिणाम स्वरुप वह उसे नापसंद करने लगा और धीरे-धीरे उसकी नफरत तीव्र घिरना में बदल गई।      एक रात खिड़की के पास वाले मरीज को खांसी का दौरा पड़ा और उसने सांस लेना बंद कर दिया। सहायता बुलाने के लिए बटन दबाने के बजाय दूसरा मरीज पड़ा  रहा। दूसरी सुबह वह रोगी जो जिसने अपने मित्र को कीहदकी से  दृश्यों का व्योरा देकर बह

Team Work Can Achieve Wonders

अगर आप सेफ शॉप हैं तो आप इस कहानी को पड़ने के बाद मोटीवेट हो सकते हैं आप[ पाएंगे इस कहानी में की कैसे एक छोटा सा गौरया ने इतने बड़े हाथी को हरा दिया। उसी तरह से आप आज आप हो सकते हैं अकेले हैं  कम पैसा कमा रहे हों लेकिन एक दिन आएगा और एक दिन बड़े बड़े लोग आपके टीम और आपके सामने नतमस्तक होंगे टीम वर्क में वो ताकत है। आज मैंने यह कहानी एक किताब सीक्रेट्स ऑफ़ लीडर्स से लिया है।   एक बार की बात है एक जंगल में गौरैया की एक जोड़ी रहते थे। एक बड़ा पेड़ पर उनका  घोंसला था।  एक बार माँ गौरैया अंडे दिए।  एक दिन पेड़ की  छाया आराम करने के लिए एक हाथी आया। उस दिन  गर्मी बहुत थी ,हाथीने खेल खेल में उसी  शाखा को तोड़ दिया जिसपर गौरैया आराम कर रहे थे।अंडे गिर गया और टूट गया। किसी भी तरह गौरैया की जोड़ी बच गया। महिला गौरैया पर रोना  शुरू कर दिया ... अपने फूटे हुए अण्डों को देखकर। तभी एक  कठफोड़वा वहाँ पहुंचा  जिसका की नाम था " सुदंसणक " ,वह गौरैया का  दोस्त था। कठफोड़वा ने कहा  "  रोने से  कोई फायदा  नहीं होगा  क्योंकि , एक व्यक्ति जो मर गया और समय कभी वापस नहीं आता  है। "जो कुछ भी

ज्यादा समझदारी विनास का कारण होता है

दोस्तों ज्यादा समझदारी विनास का कारण होता है ऐसे तो कई उदाहरण हैं लेकिन आइये आपको एक अपने पुराण में से एक कहानी सुनाता हूँ।            कई युग पहले की की बात है दिति और कश्यप के दो पुत्र हुए हिरणायक्ष और हिरण्यकश्यप हिरणायक्ष ने धरती को समुद्र के गर्भ में फेंक दिया।  . . . . .  हाहाकार मचा. . . . . . भगवान विष्णु ने अवतार लिया और धरती को समुद्र से बहार निकाला। अब दिति ने अपने दूसरे पुत्र हिरण्यकश्यपु से कहा की तू ब्रह्मा जी की तपस्या कर. . .  .  और ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान माँग हिरण्यकश्यपु ने ठीक ऐसा ही किया,    उसने ब्रह्मा जी की तपस्या की    ब्रम्हा जी प्रसन्न हुए। ....... ब्रह्मा जी ने कहा माँग तो हिरण्यकश्यपु ने कहा "प्रभु मुझको अमर कर दो। " ........ भगवन बोले " अमर करना मेरे हाथ में नहीं है कुछ और माँग  अब हिरण्यकश्यपु ने बुद्धि लगाई देखिये कैसे  इसने कहा फिर एक काम कीजिये एक काम कीजिये  न . ..  दिन में मर सकूँ न रात में। ...... कुछ ऐसा कर दो  ....... प्रभु ने कहा तथास्तु इसने कहा न आसमान में मर सकूँ ना धरती पे कुछ ऐसा कर दो  इसने बोला ना

नजरिया

एक आदमी मेले में गुब्बारे बेच गुजर बसर करता था। उसके पास लाल ,पिले,नीले हरे ,और इसके अलावा कई रंग के गुब्बारे थे जब उसकी बिक्री कम होने लगती तो वह हीलियम गैस से भरा एक गुब्बारा हवा में उड़ा देता। बच्चे जब उस उड़ते गुब्बारे की तरफ देखता वैसा ही गुब्बारे पाने को आतुर हो जाते। वो उसके पास गुब्बारे खरीदने के लिए पहुँच जाते , और उस आदमी की बिक्री बड़ जाती। उस आदमी की बिक्री जब भी घटती , वह उसे बढ़ाने के लिए गुब्बारा उड़ाने का तरीका अपनाता। एक दिन गुब्बारे गुब्बारे वाले को महसूस हुआ की कोई उसका जैकेट खिंच रहा। उसने पलट कर देखा एक बच्चा खड़ा था। बच्चे ने पूछा ''अगर आप हवा में कोई काले गुब्बारे को छोड़ें , तो क्या वह भी उड़ेगा ? बच्चे के इस सवाल  ने गुब्बारे वाले के मन को छू लिया। बच्चे तरफ मुड़ कर उसने जवाब दिया " बेटे गुब्बारा अपने रंग की वजह से नहीं ,बल्कि उसके अंदर जो चीज भरी हैं उसकी वजह से उड़ता है। '' अहम् चीज हमारी अंदरूनी सख्सियत है ,हमारी इंसान की सबसे बड़ी खोज है की इंसान चाहे तो अपने नजरिये को बदल कर अपनी पूरी जिंदगी बदल सकता है। हमारा क्षेत्र चाहे जो हो हमारा नजरिया ह

नाम और चेहरे याद रखना जरुरी है ।

                अगर आप नेटवर्क मार्केटिंग में हैं तो आपके लिए हर  असोसिएट्स  का नाम महत्वपूर्ण है। किसी ब्यक्ति का नाम कितना महत्वपूर्ण होता है आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते हैं  विषय पे कई सारी किताबें छप चुकी है बहुत बड़े बड़े लेक्चरर इस पे लेक्चर ऑर्गनाइस करते हैं।                 आपको  समय बड़ी शर्मिंदगी महसूस होगी जब आप किसी से अपने टीम के असोसिएट्स का परिचय करवा रहे हों और आपको अपने असोसिएट्स नाम याद नहीं रहेगा।                  मैंने भी कई किताबें पड़ी ,कई सफल लोगों से सुना की नाम याद रखना महत्वपूर्ण है मैंने हाल में एक पड़ी जिसका की नाम है मैं सेलिंग में असफलता से  तक कैसे पहुंचा ? इस किताब के लेखक हैं फ्रैंक बेटगर।                                इन्होने बताया नाम और चेहरे याद रखना आसान है - 1 इम्प्रेशन                              2. रिपीटीशन                                   3. एसोसिएशन                                       I-R-A  इन तीन शब्दों के पहले अक्षर हैं। आइये इनके विस्लेषण में कुछ समय दें। 1. इम्प्रेसन                 

किताब पड़ने के फायदे /अपलाइन का रोल

रिकमंडेड किताबों के बारे में जानकारी  लेते रहें।  कोई भी किताब पढ़कर अपनी समय और ऊर्जा बर्बाद न करें ,वैसे हमे  हर किताब से ज्ञान होता है पर हम जिस सेक्टर में हैं उसी की रेकमेंड किताब पड़ें। आप जिस लेवल में हैं उसी लेवल का किताब पड़ें , इस बारे में अपने एक्टिव अपलाइन से  पूछें। किताबें मांग कर नहीं खरीदकर पड़ें। किताब पड़ने की अच्छी आदत को विकसित करें ,इस से आपकी पूरी दुनिया बदल जाएगी  आपको कामयाबी दिलाने के लिए जरुरी जोश ,सकरात्मक ,नजरिया ,उत्साह ,ज्ञान ,टिप्स,तरीके,मार्गदर्सन और तकनीकें सभी कुछ आपको किताबों से  मिलने वाली है। किताबों को पड़ने से आपका हौसला और प्रभाव बढ़ेगा।  किताबों को पड़ने से आपकी हर बार समझ बढ़ेगी  आप किताब के माध्यम से किसी लेखक का पुरे जीवन का ज्ञान कुछ ही समय में ले सकते हैं।  किसी को किताब का नाम लेकर न करें बल्कि किताब दिखाकर और पढ़कर  प्रोमोट करें। किताब पड़ने से आपकी कमजोरियां दूर होंगी। आपमें जीत  के लिए जरूरी गुणों का विकास होगा  आप आत्मनिर्भर बनेंगे।  मैंने  यह किताब को कई बार पड़ा है  हर बार कोई न कोई नया ज्ञान होता है बहुत ही प्

प्रेजेन्टर /स्पीकर

अपना  रोल समझें  जब आप इस व्यवसाय से जुड़ते हैं हर किसी का महत्वपूर्ण होता है। जब आप किसी को प्लान किसी के घर पे  दिखा रहें हैं या स्टेज के माध्यम से आप एक प्रेजेन्टर /स्पीकर की भूमिका निभा रहे हैं। क्या करें ?/ क्या न करें ? याद रखें की जब आप प्रेजेंटर /स्पीकर के रूप में लोगों  सामने होते हैं तो आप कंपनी को प्रेजेंट कर रहें हैं,आप कंपनी का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं  लोग आपको नहीं कंपनी के नजरिये से देखते हैं। तथ्यों और आंकड़ों को कभी भी बड़ा चढ़ा कर न प्रस्तुत करें।  वेशभूसा का अवश्य ध्यान रखें। माहौल और समय  अनुसार ड्रेस पहने। क्योंकि जब आप प्रेजेंटर /स्पीकर होते हैं  सभी का ध्यान आपकी तरफ रहता है।  सच्चे उत्साह में रहें, चेहरे पे मुस्कान ,आप महसूस करें की लोगों से मिलकर सचमुच खुश हैं  कम से कम समय में जो जरुरी हो वही बोलें ,सही भाषा  प्रयोग करें।  कभी श्रोता की तरफ ऊँगली दिखा कर बातें न करें।  स्टेज के माध्यम से किसी क्रॉसलाइन ,अपलाइन  लीडर के बारे में नकरात्मक न बोलें।  आपके मुख से निकले शब्द ब्रह्मा वाक्य की तरह होता है ,स्टेज की इज्जत करें  आपके मुख से निकले

माता पिता साथ व्यवहार के नियम

पहला -अपने माता -पिता का आदर करो।  दूसरा - उनको दुनिया की बड़ी से बड़ी चीज देने की चेस्टा करो।  तीसरा -अपने माता पिता से कभी इसकी चर्चा न करे की कब-कब तुमने उनका सम्मान किया या उनका काम। किया।  चौथी - उनकी बात न काटो।  पांचवा - उनकी आवाज पर फ़ौरन हाजिर हो जाओ।  छठा -उनसे बातें करते वक़्त मुँह न बनाओ  सातवां -उनकी हर आज्ञा का पालन करो।  आठवां - अपने माता-पिता से बात करते समय ऊँची आवाज में न बोलो।  नौंवां -अपने माता-पिता की राय के  बिना  सफर पर न निकलो।  दसवां - उन्हें खुशी पहुँचाने की कोशिस करो।  ग्यारहवां - अपने माता-पिता से सदा प्यार करो। क्योँकि हर अच्छी चीज उन्ही से हासिल हुई है 

SAWAL HI JAWAB HAI

यह किताब बहुत ही शानदार किताब है। यह किताब एक सलेसमैन और ग्राहक की दुरी कम करने के तरीके बताता है यह किताब ब्रिज बनाना सिखाती है ग्राहक और सेल्स मैन के बिच ,खाई को भी काम करना सिखाती है। बाजार से बहुत ही कम कीमत पे उपलब्ध है इस किताब बॉडी lanuage के बारे में भी बताया गया है बॉडी लैंग्वेज वो कला है जिसे यदि आप जान लेते हैं तो आपके प्रोडक्ट्स की सम्भावना कई गुना बढ़ जाती है  क्योँकि बॉडी लैंग्वेज से आप समझ पते हैं की ग्राहक के मन में क्या चल रहा है।   इस किताब से आप सवाल का जवाब सवाल से कैसे देते हैं सिख सकते हैं।  बाजार में इसी पुस्तक की कीमत 75 /-रुपये है यदि आप यहाँ से खरीदते हैं तो आपको मात्र -47/- में उपलब्ध है 

लोक व्यवहार

                लोक  व्यवहार                            प्रभावशाली व्यक्तित्व की कला                                                                                                                  -डेल कारनेगी  यह पुस्तक आपके लिए आठ काम करेगी - 1 - आपके दिमाग पर लगी जंग साफ़ करेगी ,नए विचार देगी ,आपमें नए सपने जगाएगी और नई महत्वकांछाओं को प्रेरणा देगी।  2 -आपको ऐसा तरीका बतएगी जिससे आप जल्दी से और आसान दोस्त बना सकेंगें।  3 -आपकी लोकप्रियता बढ़ाएगी।  4 - लोगों से आपकी बात मनवाने में मदद करेगी।  5 आपका मान -सम्मान  प्रभाव को बढ़एगी और काम करने  और कराने की योग्यता बढ़एगी।  6 - शिकायतों से निपटने ,बहस से बचने ,और संबंधों को मधुर बनाने के तरीके सिखयेगी।  7 -एक अच्छा वक्ता और दिलचस्प बातें करने वाला बनाएगी।  8 -आपके साथियों में उत्साह भरने का तरीका सिखयेगी।  इस पुस्तक ने छत्तीस से भी ज्यादा भाषाओं में एक करोड़ से भी ज्यादा पाठकों के लिए काम किया है।  इस पुस्तक में  सिद्धांत दिए गए हैं  खंड एक  लोगों को प्रभावित करने के  मूलभूत तरीके  अगर

NEW ASSOSIATES AT SAFE SHOP ACTION PLAN

मैं पिछले सात सालों से इस बिज़नेस में हूँ  और मैं जो अपने experiance से निष्कर्ष निकालने क़ि कोशिस करता हूँ तो यही निकलता है - क्या आपने कभी सोंचा है की खेती में तुरत-फुरत उपायों  इस्तेमाल कितना मूर्खतापूर्ण होगा ? वसंत में बीज बोना भूल जाना,पूरी गर्मी मौज मस्ती करते रहना और फिर शरद ऋतु में फसल उगाने के लिए तुरत-फुरत उपाय अपनाना मूर्खता नहीं तो और क्या है ? खेती एक प्राकृतिक व्यवस्था है। कीमत चुकानी होगी और प्रक्रिया का पालन करना होगा। आप जो बोते हैं वही काटते हैं ;इसमें शॉर्टकट काम नहीं आते।  अगर आप सेफ शॉप में नए assosiates हैं तो आपके लिए सबसे पहले काम - १ -कंपनी पे बिस्वास  २-खुद पे भरोसा (i will ) ३-  upline पे अटूट भरोसा  1 - कंपनी पे बिस्वास -        आप कंपनी पे जितनी जल्दी बिस्वास करते हैं आपकी  सफलता उतनी जल्दी                                                    आएगी | बिस्वास  नहीं अटूट बिस्वास करना पड़ेगा ,अगर आपके मन में कोई शक                                             या सवाल कंपनी को लेकर रहेगा तो सफलता की गॉरन्टी हो या ना हो पर            

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ

एक दिन की बात है लड़की की माँ खूब परेशान होकर अपने पति को बोली की एक तो हमारा एक समय का खाना पूरा नहीं होता और बेटी दिन ब दिन बड़ी होती जा रही है गरीबी की हालत में इसकी शादी कैसे करेंगे ? बाप भी विचार में पड़ गया दोनों ने दिल पर पत्थर रख कर एक फैसला किया की कल बेटी को मार कर गाड़ देंगे . दुसरे दिन का सूरज निकला , माँ ने लड़की को खूब लाड प्यार किया , अच्छे से नहलाया , बार - बार उसका सर चूमने लगी .  यह सब देख कर लड़की बोली : माँ मुझे कही दूर भेज रहे हो क्या ?  वर्ना आज तक आपने मुझे ऐसे कभी प्यार नहीं किया , माँ केवल चुप रही और रोने लगी , तभी उसका बाप हाथ में फावड़ा और चाकू लेकर आया , माँ ने लड़की को सीने से लगाकर बाप के साथ रवाना कर दिया . रास्ते में चलते - चलते  बाप के पैर में कांटा चुभ गया , बाप एक दम से नीचे बैठ गया ,  बेटी से देखा नहीं गया उसने तुरंत कांटा निकालकर फटी चुनरी का एक हिस्सा पैर पर बांध दिया . बाप बेटी दोनों एक जंगल में पहुचे बाप ने फावड़ा लेकर एक गढ्ढा खोदने लगा बेटी सामने बैठे

अति प्रभावकारी लोगों की 7 आदते

यह किताब 15 मिलियन से भी ज्यादा बिक चुकी है । यह किताब अद्भूत है, जो  आपकी जिंदगी बदल सकती है ।   अति प्रभावकारी लोगों की 7 आदते                           स्टीफन आर•कवि       हम वही बन जाते हैं,जो हम बार-बार करते हैं।      इसीलिए उत्कृष्टता कोई कार्य नहीं, बल्कि आदत है ।                                                       ●अरस्तू                                                                           पहली आदत : प्रोटेक्टिव बनें          दूसरी आदत : अंत को ध्यान मे रखकर शुरू करें         तीसरी  आदत : पहली चीजें पहले रखें         चौथी  आदत : जीत /जीत सोचें         पांचवी  आदत  : पहले समझने की कोशिश करें,फिर समझे जाने की         छठी  आदत  : सिनर्जी का प्रयोग करें        सातवी आदत : आरी की धार तेज करें

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नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी

आज 21 वी सदी का सबसे क्रन्तिकारी तरीका है नेटवर्क मार्केटिंग है। लेकिन लोगों के मन में बहुत से सवाल होते हैं इन कंपनियों को लेकर। लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूँ की सच में नेटवर्क मार्केटिंग एक बहुत ही शानदार और बिज़नेस की तरह ही है जिसे आप बहुत कम इन्वेस्टमेंट के साथ शुरुआत कर सकते हैं। इस बिज़नेस की खास बात यह है की आपको जो भी चैलेंज आने वाला है पहले ही पता चल जाता है और परिणाम भी। नेटवर्क मार्केटिंग कम्पनी आज के समय की जरुरत है क्यूंकि आपको पता है जॉब की मारामारी और यदि आपका कैसे करके लग भी जाये तो बॉस जीना हराम कर देता है। तो यदि आपको समय की आजादी और पैसे की आजादी चाहिए तो आपको अपना नेटवर्क बनाना पड़ेगा। और नेटवर्क बनाने के लिए आपको सीखना पड़ेगा। चेतावनी -एक महत्वपूर्ण बात इसमें भी और बिज़नेस की तरह ट्रेनिंग की जरुरत होती है और उसके बाद भी अन्य व्यवसाय के तरह ही कोई गरंटी नहीं होती है की आप सफल हो ही जाएँ। स्कोप इन इंडिया -अगर मैं भारत में बात करें तो बहुत कम लोग नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी में जुड़े है अगर एक सर्वे के अनुसार और एक किताब में छपे लेख के अनुसार भार

विज्युलाइजेशन से वजन घटाया

आप इसे विज्युलाइजेशन  दौरान जब आप अल्फा लेवल पर जाकर यह स्क्रिप्ट जो निचे दिया जा रहा है उसे आप मन में दोहराएं। विज्युलेशन बहुत ही प्रभावकारी होता है। आप विज्युलाइजेशन  सुबह या शाम में कर सकते हैं। या फिर आप सफर के दौरान भी कर सकते हैं। आज विज्युलाइजेशन वजन घटाने के लिए है। मेरे सामने आइना है। आईने में,मैं दीखता हूँ। वाह ! वाह ! वाह ! किसी कितने आश्चर्य की बात है। किसी समय  मानना था की मेरा वजन घट नहीं सकता है लेकिन आज वास्तविकता मेरे सामने है ,उपयुक्त वजन के साथ मेरा शरीर आईने में दिख रहा है। पेट ,कमर, कंधे ये सभी जितने होने चाहिए थे एक सामन्य वजन के मुताबिक ही हैं। मैं अपने पैरों के निचे वजन का कांटा देख सकता हूँ मेरा वजन उतना ही दिखाई दे रहा है जितना मेरे उम्र और आयु के हिसाब से होना चाहिए था।  वजन तोलने की मशीन में कांटा स्पष्ट दिखाई दे रहा है। ( कुछ समय के बाद ) मैं अपने काम में व्यस्त हूँ ,मेरा काम बहुत स्फूर्ति से कर रहा हूँ। शीघ्रता से और स्फूर्ति से काम करने में आनंद आ रहा है। मेरा शरीर बिलकुल नया और बिलकुल हल्का महसूस हो रहा है। मेरा वजन कम होने से काम की गति भी बढ़ ग

अजीम प्रेम जी विप्रो संस्थपक एशिया के सबसे बड़े दानवीर

अजीम प्रेमजी विप्रो संस्थपक  एशिया के सबसे बड़े दानवीर  ने दान किए 52,750 करोड़ भारत सरकार ने जब कोरोना से युद्ध लड़ने के लिए मदद मांगी तो उन्हों ने दान किए 52,750 करोड़ रुपये, अब तक 145,000 करोड़ दान दे चुके हैं , अजीम प्रेमजी  जन्म 25 जुलाई 1945 में करांची में हुआ था। उनको १९६६ में कैलिफोर्निआ की स्टैण्डर्ड यूनिवर्सिटी  कम्प्यूटर की पढाई  छोड़कर भारत लौटना पड़ा। उनके पिताजी ने उन्हें 7 करोड़ की कंपनी विरासत में दी थी ,जो वनस्पति घी ,और कपडे धोने का साबुन बना रही थी।  21 साल की उम्र में प्रेमजी को बिलकुल अनुभव नहीं था ,वो खुद भी साक्षात्कार में  -मैं इसके लिए बिलकुल तैयार नहीं था। मेरे पास एक ही स्वप्न था की मुझे एक बड़ी कंपनी बनानी है। उन्होंने अपने घी, तेल साबुन बनाने  व्यवसाय में वृद्धि की साथ ही एक बड़ी कम्पनी बनाने का सपने के साथ 1980 में आई टी क्षेत्र में प्रवेश किया। 1991 में उनको जब्बरदस्त मौका मिला। भारत सर्कार ने अमेरिका की आई बी ऍम कम्पनी भारत में व्यापार करने पर प्रतिबन्ध रख दिया। एक बिज़नेस मैन नाते अजीमप्रेम जी यह मौका हाथ से गवाना नहीं चाहते थे। उनको पता था की