Skip to main content

Posts

Showing posts from August, 2018

-ब्रायन ट्रेसी के मोटिवेशनल कोट्स

ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 एक कनाडाई-अमरीकन आत्म-विस्वास और प्रेरक सार्वजानिक वक्ता और लेखक है वह सत्तर से अधिक पुष्तकों के लेखक हैं ,जिनका दर्जनों भाषाओँ में अनुवाद किया गया है। उनकी लोकप्रिय पुस्तकें ,अर्न व्हाट यू आर रियली ,इट दैट फ्रॉग! और द साइकोलॉजी ऑफ़ अचीवमेंट है आइये इनके मोटिवेशनल विचारों को जानते हैं।-ब्रायन ट्रेसी के  मोटिवेशनल कोट्स 1 जिंदगी में कॉम्बिनेशन लॉक जैसी जैसी होती है ,बस इसमें अंक ज्यादा होते हैं। अगर आप सही क्रम में सही नंबर घुमाएंगे तो ताला खुल जायेगा। ब्रायन ट्रेसी मैंने पाया है की भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आप अधिक भाग्य चाहते हैं ,तो ज्यादा जोखिम लें। ज्यादा सक्रीय बनें। ज्यादा बार नजर में आएं। ब्रायन ट्रेसी यहाँ नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने का तीन हिस्सों का सरल फार्मूला बताया जा रहा है : थोड़ी जल्दी आएं ,थोड़ी ज्यादा मेहनत से काम करें और थोड़ी ज्यादा देर तक ऑफिस में रुकें। इस फॉर्मूले का पालन करने पर आप अपने प्रर्तिस्पर्धाओं से आगे निकल जाएंगे की वे आपकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ब्रायन ट्रेसी सेल्सप...

लीडर्स के छह स्तर

किसी भी लीडर्स का विकास उसके स्तर के अनुसार ही होता है। जॉन सी. मैक्सवेल के अनुसार लीडर्स के छह स्तर होते हैं। पहला स्तर : धीमा विकास कुछ लोग बहुत धीमी गति से विकास करते हैं और उनके विकास में दिशा नहीं होती है। ये लोग इतनी धीमी गति से यह करते हैं की नजर ही नहीं आता है। हो सकता है वो अपने काम में निपुण हों,परन्तु वे कभी उभर कर नहीं आ पाते हैं। दूसरा स्तर : विकास उन्हें सक्षम बनाता है कई लोग यह गलती से यह मान लेते हैं अपने काम को अच्छी तरह से करना ही उनके विकास का अंतिम लक्ष्य है। ऐसा नहीं है। अच्छे विकासकर्ता या व्यक्तिगत विकास की प्रबल इच्छा के बिना लोग विकास की प्रक्रिया में यहीं रुक जाते हैं। तीसरा स्तर : विकास उन्हें स्वयं को बहुगुणित करने में समर्थ बनाता है विकास के इस स्तर पर लोग अपने मूल्य में वृद्धि करते हैं ,क्यूंकि वे अपनी विशेसग्यता के क्षेत्र में दूसरों को प्रशिक्षित करने में समर्थ हैं। जो लोग तकनिकी रूप से शसक्त होते हैं ,परन्तु जिनमें लीडरशिप की योग्यताएं काम होती हैं ,वे ऐसा करने में समर्थ होते हैं ,प्रबल लीडरशिप योग्यताओं वाले दूसरे लोग यह कर सकत...

नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी

आज 21 वी सदी का सबसे क्रन्तिकारी तरीका है नेटवर्क मार्केटिंग है। लेकिन लोगों के मन में बहुत से सवाल होते हैं इन कंपनियों को लेकर। लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूँ की सच में नेटवर्क मार्केटिंग एक बहुत ही शानदार और बिज़नेस की तरह ही है जिसे आप बहुत कम इन्वेस्टमेंट के साथ शुरुआत कर सकते हैं। इस बिज़नेस की खास बात यह है की आपको जो भी चैलेंज आने वाला है पहले ही पता चल जाता है और परिणाम भी। नेटवर्क मार्केटिंग कम्पनी आज के समय की जरुरत है क्यूंकि आपको पता है जॉब की मारामारी और यदि आपका कैसे करके लग भी जाये तो बॉस जीना हराम कर देता है। तो यदि आपको समय की आजादी और पैसे की आजादी चाहिए तो आपको अपना नेटवर्क बनाना पड़ेगा। और नेटवर्क बनाने के लिए आपको सीखना पड़ेगा। चेतावनी -एक महत्वपूर्ण बात इसमें भी और बिज़नेस की तरह ट्रेनिंग की जरुरत होती है और उसके बाद भी अन्य व्यवसाय के तरह ही कोई गरंटी नहीं होती है की आप सफल हो ही जाएँ। स्कोप इन इंडिया -अगर मैं भारत में बात करें तो बहुत कम लोग नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी में जुड़े है अगर एक सर्वे के अनुसार और एक किताब में छपे लेख के अनुसार भार...

जादुई घंटी

 एक नदी के तट पर एक बहुत सुन्दर गाँव था। गांव के लोग मेहनत मजदूरी करके गुजारा करते थे। उस गॉंव में रामु नाम का गरीब चरवाहा था। वो आपकी मधुर आवाज के लिए प्रसिद्ध था,वो हर दिन गाना गाकर गाँव के सभी भेड़-बकरियाँ चराने पास के जंगल में ले जाता था। जंगल में स्थित एक पर्वत था और उसकी चोटी पर एक विशाल पेड़ था। रामु इस पेड़ की छावों में गाना गाता और रामु सारी भेड़-बकरियाँ पे नजर रखता था। शाम होते ही रामु वापस गांव आ जाता था और सभी भेड़-बकरियाँ को गांव के सभी लोगों को सौंप देता था। दिन भर कड़ी धुप में भेड़-बकरियाँ को चराने के लिए उसे हर घर से एक सिक्का मिलता था। ये सिक्का को रामु घर ले जाता था और अपने भाई और माँ का भूख मिटाता था ,क्यूंकि जो सिक्के कमाकर लाता था उसके कारण वो घर के लिए जरुरी चीजें ला पाता था,लेकिन छोटा भाई का अच्छा खाना खाने का दिल करता था वो हर दिन रुखा-सूखा खाकर ऊब चूका था। यह बात रामु समझता था लेकिन वह कर भी क्या सकता था ? अगले सुबह उठकर फिर से वह भेड़-बकरियाँ चराने फिर से जंगल के चोटी पर पहुंचा तो उसने देखा की एक लकड़हारा उस पेड़ को काट रहा था जिसके निचे वह बै...

जिंदगी के पुरस्कार दिलाने वाली नौ आदतें

पहली आदत - कृतग्यता - जिंदगी में जो चीज मिली है उसके लिए कृतज्ञ रहें। रोजाना उस चीज की प्रशंसा करें जो आपको मिली है।   '' आज कितना सुन्दर दिन है। ''  '' भगवन ने कितनी अच्छी सेहत और अच्छा दिमाग दिया है। '' उन्होंने कितने सुन्दर कपडे दिए और भोजन दिए हैं। '' '' उन्होंने मासिक शांति दी है '' '' उन्होंने मुझे सेवा करने का मौका दिया है '' दूसरी आदत - भौतिक समृद्धि - हर दिन आपके ,दिमाग में समृद्धि और प्रचुरता की चेतना भरना चाहिए। इसके साथ ही आपको अपने मस्तिष्क से गरीबी और आभाव  को बाहर निकलना चाहिए। तीसरी आदत - अच्छी सेहत - हर दिन  सोंचें की आप शरीर की कैसी देख्बाहल कर रह हैं,आप क्या खा रहे हैं और अपने तनाव का सामना किस प्रकार से कर रहे हैं। स्वास्थ्य के बारे में सजग रहने से आपकीओ सेहत सुधरती है और अच्छी बानी रहती है। चौथी आदत - मानसिक शांति -  इसका अभ्यास करें। खुद के बांये  सभी अवरोधों और खुद की बनाई हुई सभी सीमाओं से मस्तिष्क को मुक्त करें। इस तरह अपने शरीर और मस्तिष्क को पूरा आराम दें। पांचवी आ...

Popular posts from this blog

नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी

आज 21 वी सदी का सबसे क्रन्तिकारी तरीका है नेटवर्क मार्केटिंग है। लेकिन लोगों के मन में बहुत से सवाल होते हैं इन कंपनियों को लेकर। लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूँ की सच में नेटवर्क मार्केटिंग एक बहुत ही शानदार और बिज़नेस की तरह ही है जिसे आप बहुत कम इन्वेस्टमेंट के साथ शुरुआत कर सकते हैं। इस बिज़नेस की खास बात यह है की आपको जो भी चैलेंज आने वाला है पहले ही पता चल जाता है और परिणाम भी। नेटवर्क मार्केटिंग कम्पनी आज के समय की जरुरत है क्यूंकि आपको पता है जॉब की मारामारी और यदि आपका कैसे करके लग भी जाये तो बॉस जीना हराम कर देता है। तो यदि आपको समय की आजादी और पैसे की आजादी चाहिए तो आपको अपना नेटवर्क बनाना पड़ेगा। और नेटवर्क बनाने के लिए आपको सीखना पड़ेगा। चेतावनी -एक महत्वपूर्ण बात इसमें भी और बिज़नेस की तरह ट्रेनिंग की जरुरत होती है और उसके बाद भी अन्य व्यवसाय के तरह ही कोई गरंटी नहीं होती है की आप सफल हो ही जाएँ। स्कोप इन इंडिया -अगर मैं भारत में बात करें तो बहुत कम लोग नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी में जुड़े है अगर एक सर्वे के अनुसार और एक किताब में छपे लेख के अनुसार भार...

4 BASIC STEPS

हे भगवान्  मैं नेटवर्कर नहीं बनना नहीं चाहता था। लेकिन थैंक्स गॉड मैं नेटवर्कर बन गया क्यूंकि मैं आज मेरे पास सकरात्मक विचार है ,मानशिक शांति है ,स्वास्थ्य है ,सम्मान है ,पहचान है और पैसा भी। मैंने  जितने भी नेटवर्कर को देखा है सभी सफल नेटवर्कर धन-संपत्ति को सबसे अंत में रखते हैं अपने सभी उपलब्धियों में , क्यों रखते थे मुझे शुरुआत में पता नहीं चलता था क्यूंकि मुझे तो लगता था पैसा ही सबसे मत्वपूर्ण होता है पर आज मैं जिस मुकाम पे हूँ मुझे लगता है अगर आपके पास सेल्स के बारे आपके पास उचित ज्ञान हो तो आपके लिए भी यहाँ सफलता पाना बहुत आसान हो जायेगा और आप हमारी बात से सहमत हो जायेंगे।  अगर गाना एक कला है ,नाचना एक कला है ,अभिनय एक कला है उसी तरह बेचना भी एक कला है और सभी अन्य कलाओं की तरह भी।  अगर आपने गाना सीखा नहीं क्या आप गा सकते हैं ? आपने नाचना सीखा नहीं क्या आप नाच सकते हैं तो बिना सीखे आप बेच कैसे सकते हैं ,आपको कुछ भी बेचने के लिए सीखना पड़ेगा।  अब वैसे भी नेटवर्किंग सेक्टर में सफलता पाना पहले की उपेक्षा बहुत आसान हो गया है क्यूंकि आज के समय...

मुनिश्री तरुणसागर जी के कड़वे प्रवचन

एक सेठ बीमार बीमार था। दवा खाने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा था। आखिर वह हकीम लुकमान से मिला। लुकमान ने कुछ गोलिया दी और कहा -इन्हें तीन बार अपने माथे के पसीने में पिघलकर खा लेना। सेठ कुछ ही दिनों में ठीक हो गया। शिष्य ने कहा- गुरुदेव ! बड़ी चमत्कारी दवा है। लुकमान हँसा और बोला - दवा क्या उपलों की राख थी। पर उसे तीन बार माथे पर पसीने लेन के लिए बड़ी मेहनत  करनी पड़ी होगी। यह चमत्कार उसी पसीने का है। सच्ची नींद और स्वाद चाइये तो पसीना बहाना मत भूलना। जिंदगी में तीन चीजों का अर्जन जरूर करें। बचपन में ज्ञान का , जवानी में संपत्ति का और बुढ़ापे में पुण्य का। बचपन अध्यन के  बुढ़ापा आत्म-चिंतन के लिए है। किसी छात्र ने पूछा कितने घंटे पढ़ना चाहिए ? जिस क्लास  में हैं ,स्कूल के अलावा उतने ही घंटे ,10 वी में हों तो 10 घंटे और 12 वी  12 घंटे। अगर आप तरुणसागर का कहा मानें तो मैं आपसे एक निवेदन करना चाहूंगा की अपने मित्र,चरित्र को हमेसा रखें पवित्र क्यूंकि यही है जिंदगी का असली इत्र। आपको पता है की चरित्र के पतन में प्रायः गलत मित्रों और गलत चित्रों का हाथ होता है। गलत म...