ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 एक कनाडाई-अमरीकन आत्म-विस्वास और प्रेरक सार्वजानिक वक्ता और लेखक है वह सत्तर से अधिक पुष्तकों के लेखक हैं ,जिनका दर्जनों भाषाओँ में अनुवाद किया गया है। उनकी लोकप्रिय पुस्तकें ,अर्न व्हाट यू आर रियली ,इट दैट फ्रॉग! और द साइकोलॉजी ऑफ़ अचीवमेंट है आइये इनके मोटिवेशनल विचारों को जानते हैं।-ब्रायन ट्रेसी के मोटिवेशनल कोट्स 1 जिंदगी में कॉम्बिनेशन लॉक जैसी जैसी होती है ,बस इसमें अंक ज्यादा होते हैं। अगर आप सही क्रम में सही नंबर घुमाएंगे तो ताला खुल जायेगा। ब्रायन ट्रेसी मैंने पाया है की भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आप अधिक भाग्य चाहते हैं ,तो ज्यादा जोखिम लें। ज्यादा सक्रीय बनें। ज्यादा बार नजर में आएं। ब्रायन ट्रेसी यहाँ नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने का तीन हिस्सों का सरल फार्मूला बताया जा रहा है : थोड़ी जल्दी आएं ,थोड़ी ज्यादा मेहनत से काम करें और थोड़ी ज्यादा देर तक ऑफिस में रुकें। इस फॉर्मूले का पालन करने पर आप अपने प्रर्तिस्पर्धाओं से आगे निकल जाएंगे की वे आपकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ब्रायन ट्रेसी सेल्सपर्सन ,उद्दमी य
आज के पोस्ट में ऐसे व्यक्ति विशेष के बारे में मैं बताने जा रहा हूँ , जिन्होंने लीक से हटकर काम किया और आज वो सफलता की नई ऊँचाई पर हैं , आज वो कइयों के रोल- मॉडल हैं।
उनका जन्म ३० जुलाई १९४८ को हुआ था । उनके पिता एक पोलीस ऑफ़िसर थे । अर्नोल्ड एक कथोलिक परिवार में पले-बड़े । जो की हर रविवार को मास ( Mass) अटेंड करते थे । जब वो छोटे थे तो कई गेम खेलते थे । लेकिन पहली बार उन्होंने बारबेल को पकड़ा था १९६० में जब उनकी आयु १५ वर्ष की थी उनके फ़ुट्बॉल कोच लेकर गए थे पहली बार जिम ।
उनके पिता चाहते थे की अर्नोल्ड बड़े होकर एक पोलिस ऑफ़िसर बने और उनकी माँ चाहती थी बड़े होकर मेरा बेटा एक शिक्षक बने । उन्होंने कई बार अपने पिता से जिम जाने के कारण कई बार पिटे भी थे । वो अपने पिता से छुप-छुपाकर कर जिम जाया करते थे । वो अपने बायआग्रफ़ी में कहते हैं की " जब मेरे पिता मेरे बाल को पकड़ कर खिंचते थे और अपने बेल्ट से मारते थे , तो मुझे बुरा नही लगता था और कभी नहीं लगा की बॉडीबिल्डलिंग छोड़ दूँ। वहीं मैं देखता हूँ और बच्चों को थोड़ा सा विरोध क्या होता है मम्मी- पापा या समाज का लोग अपने पैशन, शौक़ को छोड़ देते हैं । अगर मैं भी छोड़ देता जिम को आज जो हूँ वो कभी नहीं बन पाता । वो कहते हैं कभी भी ज़िंदगी में आपको कुछ पाना है तो आपको अपने लीक से हटकर चलना चाइए , अलग रास्ता चुनिए , अपना रास्ता ख़ुद बनाइए । अपने आप पर बिस्वास करें ।
वो १९७५ में आर्मी में भर्ती हो गए थे और आर्मी के सर्विस के दौरान ही वो मिस्टर युरोप ( जूनीयर ) का ख़िताब जीता । वो कई बार मिस्टर ओलम्पिया रहे । पहली बार जब उन्होंने मिस्टर ओलम्पिया में हिस्सा लिया १९६९ में सेकंड पज़िशन रहे फिर उन्होंने १९७० में अगले साल ही प्रथम आए मिस्टर ओलम्पिया में । वो कई बार मिस्टर ओलम्पिया बने ।
वो पहली बार बॉडी- बिल्डिंग के लिए मोटिवेट हुए थे बड़े पर्दे मूवी के कारण सो उनकी वो मिस्टर ओलम्पिया बन्ने के बाद वो बड़े पर्दे पर अपना करियर बनाने के लिए निकल पड़े । उन्हें वहाँ पे बहुत रिजेक्शन का सामना करना पड़ा क्यूँकि इतना बड़े शरीर वाले के साथ कोई हेरोयन काम करना नहीं चाहती थी , आज तक कोई ऐसा हीरो नहीं बना था । कई डाइरेक्टर के पास गए सबने उनको सलाह दिया की आपका शरीर हीरो के लायक नहीं है और आपका आवाज़ भी हीरो की तरह नहीं है ।क्यूँकि उनकी आवाज़ बॉडीबिल्डिंग के कारण पूरी तरह बैठ गया था , और अजीब तरह से निकलता था ।
पर वो ज़िद्दी थे उन्होंने ठाना था की सबको ग़लत साबित करके रहूँगा , उन्होंने फिर मेहनत किया अपने आवाज़ और शरीर के अपर में । बहुत मेहनत , टूइशन लिया आवाज़ ठीक करने के लिए । और लगातार डाइरेक्टर से मिलते रहे और उनको रिजेक्शन मिलता रहा । आख़िरकार एक दिन उनको कामयाबी मिली १९७० में HERCULES मूवी में रोल मिला । और फिर उन्होंने पलट कर नहीं देखा आज वो दुनिया के सबसे महँगे फ़िल्मस्टार के रूप में जाने जाते है । उन्होंने अपना मुक़ाम बनाया ।
वो रिपब्लिक पार्टी से जुड़े और बाद में वो कैलिफ़ोरनिया के गवर्नर भी बनें । आज वो सफल हैं , उनकी नाम एक पहचान है , क्यूँकि उन्होंने मुश्किलों के घुटने नहीं टिकाए । आप कोई भी चीज़ पाने के लिए ठान लेते हैं तो पूरी कायनात उसे आपसे मिलाने की साज़िश रचती । हिम्मत ना हारें और विरोध से ना डरें , प्राकृत अंततःन्याय करती ।
धन्यवाद दोस्तों ,
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