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Showing posts from August, 2017

-ब्रायन ट्रेसी के मोटिवेशनल कोट्स

ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 एक कनाडाई-अमरीकन आत्म-विस्वास और प्रेरक सार्वजानिक वक्ता और लेखक है वह सत्तर से अधिक पुष्तकों के लेखक हैं ,जिनका दर्जनों भाषाओँ में अनुवाद किया गया है। उनकी लोकप्रिय पुस्तकें ,अर्न व्हाट यू आर रियली ,इट दैट फ्रॉग! और द साइकोलॉजी ऑफ़ अचीवमेंट है आइये इनके मोटिवेशनल विचारों को जानते हैं।-ब्रायन ट्रेसी के  मोटिवेशनल कोट्स 1 जिंदगी में कॉम्बिनेशन लॉक जैसी जैसी होती है ,बस इसमें अंक ज्यादा होते हैं। अगर आप सही क्रम में सही नंबर घुमाएंगे तो ताला खुल जायेगा। ब्रायन ट्रेसी मैंने पाया है की भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आप अधिक भाग्य चाहते हैं ,तो ज्यादा जोखिम लें। ज्यादा सक्रीय बनें। ज्यादा बार नजर में आएं। ब्रायन ट्रेसी यहाँ नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने का तीन हिस्सों का सरल फार्मूला बताया जा रहा है : थोड़ी जल्दी आएं ,थोड़ी ज्यादा मेहनत से काम करें और थोड़ी ज्यादा देर तक ऑफिस में रुकें। इस फॉर्मूले का पालन करने पर आप अपने प्रर्तिस्पर्धाओं से आगे निकल जाएंगे की वे आपकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ब्रायन ट्रेसी सेल्सप...

पहला ताड़पत्र

दोस्तों आज का पोस्ट मैंने लिया बेबीलोन का सबसे आमिर आदमी  नामक किताब से बहुत शानदार किताब है।  इसको पड़ने के बाद आपकी जिंदगी में कई गुना बदलाव आएगा आप चाहे तो निचे दिए गए लिंक से किताब खरीद सकते हैं। मैंने निचे में  जो लिंक दिया है वो हिंदी और इंग्लिश दोनों में है। पहला ताड़पत्र आज मैं नयी जिंदगी सुरु करूँगा। आज मैं अपनी पुराणी चमड़ी को उतर फेंकूँगा जिस पर असफलता के निशान हैं और नाकामयाबी के घाव हैं। आज मेरा नया  जन्म होगा और मेरा जन्म एक अंगूर के बैग में होगा जहां सबके लिए फल होंगे। आज मैं अंगूर के बैग से बुद्धि के सबसे बढ़िया और रसीले अंगूर चुनूंगा। मेरे व्यवसाय के सबसे बुद्धिमान  ने , इन अंगूरों को लगाया था ,उन बुद्धिमान  लोगों ने ,जो मुझसे पहले इस व्यवसाय में पीढ़ी दर पीढ़ी रहे हैं। आज मैं इस बैग के लाजवाब अंगूरों का स्वाद लूंगा और हर अंगूर में छुपे सफलता के बीज को निगल जाऊंगा। मेरे अंदर नए जीवन के बीज अंकुरित हो जायेंगे।  मैंने जो कैरियर चुना है उसमें सफलता के बहुत अवसर हैं परन्तु इसमें दुःख और निराशा भी काम नहीं हैं। इस राह में ...

साधु की जिद्द

साधु की जिद्द  एक गांव  में एक साधु रहते थे और उनका भगवान पे अटूट विस्वास था।  एक बार गाओं में भयंकर बारिश हुई और बढ़ते हुए पानी को देखकर गांव वाले सुरक्षित स्थान पे जाने लगे। लोगों ने उस साधु को सुरक्षित स्थान पे चलने को कहा , लेकिन साधु ने यह कहकर मन कर दिया की तुमलोग जाओ मुझे मेरे भगवन  भरोषा , वे मुझे बचने आएंगे। धीरे-धीरे पूरा गांव पानी से लबालब हो गया और साधु के घुटनों तक पानी आ गया तभी एक गाड़ी आई और उसमें सवार व्यक्ति ने साधु को गाड़ी में आने के लिए कहा लेकिन साधु ने यह कहकर मना दिया - मुझे तुम्हारी कोई आवश्यकता नहीं , मुझे मेरा भगवन बचने आएगा , गाड़ी वाला वहां से चला गया।  पानी बढ़ने लगा , तभी एक नाव आई और बचावकर्मी ने कहा की जल्दी से आइये मुनिवर , मैं आपको सुरक्षित स्थान पे मैं आपको छोड़ देता हूँ। साधु ने कहा की मेरे भगवन मुझे बचने जरूर आएंगे , तुम यहाँ से चले जाओ , बचावकर्मी ने कहा गुरुवार मुझे अन्य लोगों को भी सुरक्षित स्थान पर पहुँचाना है , आप समय बर्बाद मत कीजिये , जल्दी आइये , लेकिन साधु ने अपनी जिद्द नहीं छोड़ी। आख़िरकार वह नाव वाला अन्य लोगों...

नेतृत्व के सात सिद्धांत

नेतृत्व करने के  सिद्धांत दोस्तों आज का पोस्ट जिस किताब से मैंने लिया उस किताब का नाम है आत्म-अनुशासन की शक्ति। निचे दिए गए लिंक से आप यदि चाहें तो खरीद सकते हैं। यहाँ प्रभावी लीडर बनने के सात सिद्धांत बततये जा रहे हैं , जिन्हे आपको अपने व्यवहार और कार्यों में शामिल करना चाहिए। 1 . स्पस्टता : यह सायद सबसे बड़ी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।आपको पूरी तरह स्पस्ट पता होना चाहिए की आप कौन  हैं और किन सिद्धांतों के लिए खड़े हैं। आपकी भविष्य दृस्टि स्पस्ट होनी चाहिए।  आपको सटीकता से पता होना चाहिए की आप अपने टीम का नेतृत्व करके उन्हें कहाँ  ले जाना चाहते हैं। आपको पूरी तरह से स्पस्टता से मालूम होना चाहिए की संघठन के लक्ष्य और उद्देश्य क्या हैं उन्हें कैसे प्राप्त किया जायेगा। 2 . क्षमता : लीडर के रूप में आपको उत्कृष्ट प्रदर्शन का पैमाना बनाना होगा। साथ ही आपको कंपनी के हर असोसिएट्स का रोल मॉडल भी बनना होगा। आपका लक्ष्य होना चाहिए की आपकी कंपनी अपनी प्रतिस्पर्धी सर्वश्रेष्ठ कंपनी जितनी या उससे ज्यादा अच्छी बने। आपको अपने प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता को ...

डाइमंड के पिता की फ़ीलिंग

एक डाइअमंड के पिता की फ़ीलिंग दर्द भरा कैसे एक पिता इतना दर्द सह कर भी अपने बेटे को सफल देख कर उनकी आँखों से ख़ुशी की आंशु छलक पड़ा । 

प्राथमिकता तय कैसे करें

अपने समय का प्रबंधन करना समय-प्रबंधन का एक सरल तंत्र है , जिसका उपयोग करके आप टालमटोल की आदत से उबार सकते हैं इसमें आत्म-अनुशासन , इक्षाशक्ति और व्यक्तिगत व्यवस्थापन की आवश्य्कता होती है , लेकिन पुरुस्कार भी बहुत बड़े हैं। इस तंत्र का उपयोग करने से आपकी उत्पादकता ,प्रदर्शन ,परिणाम और आमदनी दो-तीन गुना बाद सकती है दिन की शुरुआत करने से पहले उस दिन करने वाले कार्यों की सूचि बना लें सूचि बनाने का सबसे अच्छा एक दिन पहले रात को होता है,ताकि आपका अवचेतन मन आपके सोते समय भी इस गतिबिधि-सूचि पर काम कर सकें। इसी वजह से सुबह जागने पर आपके मन में अक्सर ऐसे नए विचार आते हैं ,जिनसे आप दिन के कामों को ज्यादा कारगर तरीके से पूरा कर सकते हैं। फिर अपनी सूचि में ए , बी , सी , डी , ई  विधि का उपयोग करें ए = करना ही होगा - न करने के गंभीर परिणाम ; बी = करना चाहिए  - न करने के हलके परिणाम ; सी = करना अच्छा है - चाहे आप उसे करें या न करें , कोई परिणाम नहीं होता ; डी =  सौंपे  - जो काम आप दूसरों को सौंप सकते हैं , उन्हें उनलोगों को सौंपकर आप उन कामों के लिए ज्यादा खली कर सकते हैं ...

सेफ शॉप में ज्यादा सफलता कैसे प्राप्त करें

आत्म अनुशासन का जादू कुछ लोग दूसरों से ज्यादा सफल क्यों होते हैं ? कुछ लोग दूसरों से ज्यादा पैसे कमाते हैं , ज्यादा सुखी जीवन जीते हैं और ज्यादा उपलब्धियां क्यों पा लेते हैं ? सफलता का वास्तविक रहस्य क्या हैं ? आप कहीं भी किसी से भी ये सवाल ऐसे कितने लोग जो अपनी आमदनी दुगुनी करना चाहते हैं लगभग सभी लोगों का उत्तर हाँ में ही आएगा , फिर आप पूछिए कितने लोग क़र्ज़ मुक्त जीवन चाहते हैं ? आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करना चाहते हैं फिर से ज्यादातर आपको इसका उत्तर हाँ में ही मिलेगा। बहुत खूब ! ये सब बड़े लक्ष्य हैं , जिन्हे हर व्यक्ति प्राप्त करना चाहता है हम अभी ज्यादा पैसा कामना चाहता है, अपने परिवार के साथ ज्यादा समय बिताना चाहते हैं , स्वस्थ और छरहरे होना चाहते हैं, और आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना चाहते हैं। न सिर्फ हमारे लक्ष्य एक से हैं बल्कि हम सब यह भी जानते हैं की उन्हें प्राप्त करने के लिए हमे क्या काम करना चाहिए।  हम सभी कभी न कभी वह करने का इरादा रखते हैं - किसी समय।  लेकिन शुरुआत करने से पहले हम अद्भुत काल्पनिक जगह की सैर पर जाने का निर्णय लेते हैं , जिसे किसी दिन द्...

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नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी

आज 21 वी सदी का सबसे क्रन्तिकारी तरीका है नेटवर्क मार्केटिंग है। लेकिन लोगों के मन में बहुत से सवाल होते हैं इन कंपनियों को लेकर। लेकिन मैं आपको बता देना चाहता हूँ की सच में नेटवर्क मार्केटिंग एक बहुत ही शानदार और बिज़नेस की तरह ही है जिसे आप बहुत कम इन्वेस्टमेंट के साथ शुरुआत कर सकते हैं। इस बिज़नेस की खास बात यह है की आपको जो भी चैलेंज आने वाला है पहले ही पता चल जाता है और परिणाम भी। नेटवर्क मार्केटिंग कम्पनी आज के समय की जरुरत है क्यूंकि आपको पता है जॉब की मारामारी और यदि आपका कैसे करके लग भी जाये तो बॉस जीना हराम कर देता है। तो यदि आपको समय की आजादी और पैसे की आजादी चाहिए तो आपको अपना नेटवर्क बनाना पड़ेगा। और नेटवर्क बनाने के लिए आपको सीखना पड़ेगा। चेतावनी -एक महत्वपूर्ण बात इसमें भी और बिज़नेस की तरह ट्रेनिंग की जरुरत होती है और उसके बाद भी अन्य व्यवसाय के तरह ही कोई गरंटी नहीं होती है की आप सफल हो ही जाएँ। स्कोप इन इंडिया -अगर मैं भारत में बात करें तो बहुत कम लोग नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी में जुड़े है अगर एक सर्वे के अनुसार और एक किताब में छपे लेख के अनुसार भार...

4 BASIC STEPS

हे भगवान्  मैं नेटवर्कर नहीं बनना नहीं चाहता था। लेकिन थैंक्स गॉड मैं नेटवर्कर बन गया क्यूंकि मैं आज मेरे पास सकरात्मक विचार है ,मानशिक शांति है ,स्वास्थ्य है ,सम्मान है ,पहचान है और पैसा भी। मैंने  जितने भी नेटवर्कर को देखा है सभी सफल नेटवर्कर धन-संपत्ति को सबसे अंत में रखते हैं अपने सभी उपलब्धियों में , क्यों रखते थे मुझे शुरुआत में पता नहीं चलता था क्यूंकि मुझे तो लगता था पैसा ही सबसे मत्वपूर्ण होता है पर आज मैं जिस मुकाम पे हूँ मुझे लगता है अगर आपके पास सेल्स के बारे आपके पास उचित ज्ञान हो तो आपके लिए भी यहाँ सफलता पाना बहुत आसान हो जायेगा और आप हमारी बात से सहमत हो जायेंगे।  अगर गाना एक कला है ,नाचना एक कला है ,अभिनय एक कला है उसी तरह बेचना भी एक कला है और सभी अन्य कलाओं की तरह भी।  अगर आपने गाना सीखा नहीं क्या आप गा सकते हैं ? आपने नाचना सीखा नहीं क्या आप नाच सकते हैं तो बिना सीखे आप बेच कैसे सकते हैं ,आपको कुछ भी बेचने के लिए सीखना पड़ेगा।  अब वैसे भी नेटवर्किंग सेक्टर में सफलता पाना पहले की उपेक्षा बहुत आसान हो गया है क्यूंकि आज के समय...

मुनिश्री तरुणसागर जी के कड़वे प्रवचन

एक सेठ बीमार बीमार था। दवा खाने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा था। आखिर वह हकीम लुकमान से मिला। लुकमान ने कुछ गोलिया दी और कहा -इन्हें तीन बार अपने माथे के पसीने में पिघलकर खा लेना। सेठ कुछ ही दिनों में ठीक हो गया। शिष्य ने कहा- गुरुदेव ! बड़ी चमत्कारी दवा है। लुकमान हँसा और बोला - दवा क्या उपलों की राख थी। पर उसे तीन बार माथे पर पसीने लेन के लिए बड़ी मेहनत  करनी पड़ी होगी। यह चमत्कार उसी पसीने का है। सच्ची नींद और स्वाद चाइये तो पसीना बहाना मत भूलना। जिंदगी में तीन चीजों का अर्जन जरूर करें। बचपन में ज्ञान का , जवानी में संपत्ति का और बुढ़ापे में पुण्य का। बचपन अध्यन के  बुढ़ापा आत्म-चिंतन के लिए है। किसी छात्र ने पूछा कितने घंटे पढ़ना चाहिए ? जिस क्लास  में हैं ,स्कूल के अलावा उतने ही घंटे ,10 वी में हों तो 10 घंटे और 12 वी  12 घंटे। अगर आप तरुणसागर का कहा मानें तो मैं आपसे एक निवेदन करना चाहूंगा की अपने मित्र,चरित्र को हमेसा रखें पवित्र क्यूंकि यही है जिंदगी का असली इत्र। आपको पता है की चरित्र के पतन में प्रायः गलत मित्रों और गलत चित्रों का हाथ होता है। गलत म...