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Showing posts from February, 2018

-ब्रायन ट्रेसी के मोटिवेशनल कोट्स

ब्रायन ट्रेसी का जन्म 5 जनवरी 1944 एक कनाडाई-अमरीकन आत्म-विस्वास और प्रेरक सार्वजानिक वक्ता और लेखक है वह सत्तर से अधिक पुष्तकों के लेखक हैं ,जिनका दर्जनों भाषाओँ में अनुवाद किया गया है। उनकी लोकप्रिय पुस्तकें ,अर्न व्हाट यू आर रियली ,इट दैट फ्रॉग! और द साइकोलॉजी ऑफ़ अचीवमेंट है आइये इनके मोटिवेशनल विचारों को जानते हैं।-ब्रायन ट्रेसी के  मोटिवेशनल कोट्स 1 जिंदगी में कॉम्बिनेशन लॉक जैसी जैसी होती है ,बस इसमें अंक ज्यादा होते हैं। अगर आप सही क्रम में सही नंबर घुमाएंगे तो ताला खुल जायेगा। ब्रायन ट्रेसी मैंने पाया है की भाग्य की भविष्यवाणी की जा सकती है। यदि आप अधिक भाग्य चाहते हैं ,तो ज्यादा जोखिम लें। ज्यादा सक्रीय बनें। ज्यादा बार नजर में आएं। ब्रायन ट्रेसी यहाँ नौकरी के क्षेत्र में सफलता पाने का तीन हिस्सों का सरल फार्मूला बताया जा रहा है : थोड़ी जल्दी आएं ,थोड़ी ज्यादा मेहनत से काम करें और थोड़ी ज्यादा देर तक ऑफिस में रुकें। इस फॉर्मूले का पालन करने पर आप अपने प्रर्तिस्पर्धाओं से आगे निकल जाएंगे की वे आपकी बराबरी नहीं कर पाएंगे। ब्रायन ट्रेसी सेल्सप...

शॉर्टकट की तलाश

भोजन मुफ्त में नहीं मिलता-एक राजा ने अपने सलाहकारों को बुलाकर उनसे बाईट इतिहास की साडी समझदारी भरी बातें लिखने के लिए कहा , ताकि वह उन्हें आने वाली पीढ़ीयों तक पहुंचा सके। उन्होंने काफी मेहनत करके समझदारी से भरी बातों पर किताबें लिखीं ,और उन्हें राजा के सामने पेश किया। राजा को वो किताबें भारी-भरकम लगी। उसने सलाहकारों से कहा की लोग इन्हें पढ़ नहीं पाएंगे इसलिए इन्हें छोटा करके लाओ। सलाहकरों ने फिर से काम किया और और बहुत साडी किताब को मिलकर एक किताब बना दिया और केवल एक किताब लेकर राजा के पास पहुंचे। राजा को वह भी काफी मुश्किल लगी। राजा ने कहा इसे और छोटा करके लाओ। सलाहकारों ने उसे और छोटा किया और केवल एक अध्याय लेकर आये। राजा को वह भी काफी लम्बा लगा। तब सलाहकारों ने उसे और छोटा कर एक पन्ना पेश किया। लेकिन राजा को एक पन्ना भी लम्बा लगा। आख़िरकार राजा के पास केवल एक वाक्य में लिखकर ले गए और राजा संतुष्ट हो गया। राजा ने कहा की अगर आने वाली पीढ़ियों तक समझदारी का केवल एक वाक्य पहुँचाना हो तो वह  यह वाक्य होगा - भोजन मुफ्त में नहीं मिलता।  भोजन मुफ्त में नहीं मिलता। का मतलब दरअसल...

होली के रंग कैसे साफ करें आपके चेहरे और बाल के

होली अब हमारे नजदीक है पर उसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं , होली आता है तो रंग का डर भी सताने लगता है क्यूंकि आज कल के चेमिकल्स जल्दी निकलते ही नहीं हैं हमारे फेस और हेयर से। यहाँ पे कुछ टिप्स देने की कोसिस कर रहा हूँ आपके काम में आएँगी - ५ ) साबुन का इस्तेमाल बिलकुल भी न करें क्यूंकि साबुन डैमेज स्किन को और ज्यादा डैमेज कर देता है या अच्छे फेस पैक क्लीन्ज़र का इस्तेमाल करें या फिर मॉइस्चाइजर क्रीम का इस्तेमाल करें १ ) गेहूं के आटा और किसी भी प्रकार के खाने में उपयोग होने वाले तेल - आप एक पात्र में आटे को लेकर उसमें मिक्स होने लायक तेल मिलाएं अगर आपको पिम्पल्स है तो एलोवेरा मिलाएं और इसे उस जगह लगाएं जहाँ पे रंग लगा हो। नहाने से पहले। २ ) बनाना पैक - अगर आपके होली खेलने के बाद आपके चेहरे का त्वचा सूखा-सूखा लगे तो आपके लिए ये जरूर काम आएगा। इसमें एक केला और इसे मैश लें एक बोन में और उसमें शहद एक चमच्च मिला लें और एक चमच्च दही मिला लें और इसे मिक्स कर लें अच्छी तरह और इसे अपने चेहरे पर लगाएं और इसे १० मिनट के लिए छोड़ दें। जब १० मिनट हो जाये तब इसे अच्छी तरह साफ़ कर लें ३ ) म...

दिमाग़ और मन में फ़र्क़

दिमाग और मन में फर्क हकीकत यह है की दिमाग और मन बिच फर्क के विषय में लोगों को पूरा ज्ञान  नहीं है। लेकिन कंप्यूटर की भाषा में दिमाग हार्डवेयर है और मन सॉफ्टवेयर। मन के बारे में आगे समझने से पहले यह स्पष्ट रूप से जान लें की मन के दो प्रकार हैं  जाग्रत मन ( concious mind ) अर्धजाग्रत मन ( subconcious mind ) हम जब जाग्रत अवस्था में होते हैं तब जाग्रत मन कार्यरत होता है और जब सो जाते हैं अथवा मूर्छा की अवस्था में होते तब वह काम करना बंद कर देता है। जबकि अर्धजाग्रत मन २४ घंटे काम करता है अर्धजाग्रत मन  विषय में लोग अज्ञात हैं और जबकि अर्धजाग्रत मन ही हमें सुख समृद्धि और इक्षित वस्तु दिलवाने में सक्षम होता है। जाग्रत मन के पास १० प्रतिसत और अर्धजाग्रत मन के पास  प्रतिसत शक्ति है। जबकि जाग्रत मन मालिक और  नौकर होता है , अर्धजाग्रत जाग्रत मन के सभी आदेशों का पालन करता है बिना फ़िल्टर किये। कजाग्रत मन के कार्य और उसकी शक्तियां संवेदना (SENSES ) - हमारी पाँचों ज्ञाननेद्रियाँ को जाग्रत मन नियंत्रित करता है। जैसे-देखना.सूंघना ,स्वाद लेना। और स्पर्श का...

कड़वे प्रवचन #2

मुनिश्री तरुण सागर जी  कहते हैं आपसे निवेदन है की जीवन  लिए जीवन के परिवर्तन के लिए इस मुल्क के आधत्यम ने कहा- चेहरों को कितना का कितना भी चमका लो दोबारा कल फिर से वैसा ही हो जायेगा इस से अच्छा है मन को चमका लो जीवन अपने आप चमक जाते हैं। मुनिश्री तरुण सागर जी  कहते हैं लोग मंदिर कपडे बदल-बदल कर जाते हैं मेरा अपना मानना  है की सिर्फ कपड़ों को बदल कर मत जाइये अपना मन बदल कर जाइये ,हमारा बच्चा रोता  है तो दिल में दर्द  होता है और दूसरे  का बच्चा रोता  है तो सर में दर्द। अपना बच्चा रोये तो दिल  में दर्द ये तो राग है और दूसरे का रोये तो सर में दर्द ये द्वेष है और ये राग द्वेष की वृद्धि ही संसार है। लेकिन आज का आदमी इतना बईमान है ,मंदिर में बैठा है और मन में बोल रहा होता है -हे भगवान मैं सुखी रहूं मेरे  बच्चे सुखी रहें बाकि दुनिया जाये भाड़ में ,लेकिन उसको पता नहीं है की दुनिया भाड़ में जाये न जाये तू जरूर जायेगा भाड़ में। इसलिए तो इस मुल्क के मुनियों ने,ऋषियों ने ,संतों ने कहा संतों ने कहा -आदत को क...

documentory of diamondship

समय का प्रबंधन करना

अपने समय का प्रबंधन करना समय का प्रबंधन एक सरल तंत्र है , जिसका उपयोग करके आप टालमटोल की आदत से उबर सकते हैं। इसमें आत्म-अनुसाशन , इक्षाशक्ति और व्यक्तिगत व्यवस्थापन की आवश्यकता होती है , लेकिन पुरुस्कार भी बहुत बड़े होते हैं। इस तंत्र का उपयोग करने से आपकी उत्पादकता,प्रदर्शन ,परिणाम और आमदनी दो-तीन गुना बढ़ सकती है। दिन की शुरुआत करने से पहले उस दिन करने वाले कार्यों की सूचि बना लें। सूची बनाने का सबसे अच्छा समय एक दिन पहले रात को होता है ,ताकि आपका अवचेतन मन आपके सोते समय भी इस गतिविधि-सूची पर काम कर सके। इसी वजह से सुबह जागने पर आपके मन में अक्सर ऐसे नए विचार आते हैं जिनसे आप दिन के कामों को ज्यादा कारगर तरीके से पूरा कर सकते हैं। फिर अपनी सूचि में ए , बी ,सी , डी , ई  विधि का उपयोग करें - ए = करना ही होगा - न करने का गंभीर परिणाम ; बी = करना चाहिए  - करने या न करने के हल्के परिणाम ; सी = करना अच्छा है - चाहे करें या न करें , कोई परिणाम नहीं होता ; डी = सौंपें - जो काम दूसरों को सौंप सकते हैं , उन्हें लोगों को सौंप कर आप उन कामों के लिए जयादा खाली करते...

winners trip Amritsar 12 nov to 14 nov

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4 BASIC STEPS

हे भगवान्  मैं नेटवर्कर नहीं बनना नहीं चाहता था। लेकिन थैंक्स गॉड मैं नेटवर्कर बन गया क्यूंकि मैं आज मेरे पास सकरात्मक विचार है ,मानशिक शांति है ,स्वास्थ्य है ,सम्मान है ,पहचान है और पैसा भी। मैंने  जितने भी नेटवर्कर को देखा है सभी सफल नेटवर्कर धन-संपत्ति को सबसे अंत में रखते हैं अपने सभी उपलब्धियों में , क्यों रखते थे मुझे शुरुआत में पता नहीं चलता था क्यूंकि मुझे तो लगता था पैसा ही सबसे मत्वपूर्ण होता है पर आज मैं जिस मुकाम पे हूँ मुझे लगता है अगर आपके पास सेल्स के बारे आपके पास उचित ज्ञान हो तो आपके लिए भी यहाँ सफलता पाना बहुत आसान हो जायेगा और आप हमारी बात से सहमत हो जायेंगे।  अगर गाना एक कला है ,नाचना एक कला है ,अभिनय एक कला है उसी तरह बेचना भी एक कला है और सभी अन्य कलाओं की तरह भी।  अगर आपने गाना सीखा नहीं क्या आप गा सकते हैं ? आपने नाचना सीखा नहीं क्या आप नाच सकते हैं तो बिना सीखे आप बेच कैसे सकते हैं ,आपको कुछ भी बेचने के लिए सीखना पड़ेगा।  अब वैसे भी नेटवर्किंग सेक्टर में सफलता पाना पहले की उपेक्षा बहुत आसान हो गया है क्यूंकि आज के समय...

अजीम प्रेम जी विप्रो संस्थपक एशिया के सबसे बड़े दानवीर

अजीम प्रेमजी विप्रो संस्थपक  एशिया के सबसे बड़े दानवीर  ने दान किए 52,750 करोड़ भारत सरकार ने जब कोरोना से युद्ध लड़ने के लिए मदद मांगी तो उन्हों ने दान किए 52,750 करोड़ रुपये, अब तक 145,000 करोड़ दान दे चुके हैं , अजीम प्रेमजी  जन्म 25 जुलाई 1945 में करांची में हुआ था। उनको १९६६ में कैलिफोर्निआ की स्टैण्डर्ड यूनिवर्सिटी  कम्प्यूटर की पढाई  छोड़कर भारत लौटना पड़ा। उनके पिताजी ने उन्हें 7 करोड़ की कंपनी विरासत में दी थी ,जो वनस्पति घी ,और कपडे धोने का साबुन बना रही थी।  21 साल की उम्र में प्रेमजी को बिलकुल अनुभव नहीं था ,वो खुद भी साक्षात्कार में  -मैं इसके लिए बिलकुल तैयार नहीं था। मेरे पास एक ही स्वप्न था की मुझे एक बड़ी कंपनी बनानी है। उन्होंने अपने घी, तेल साबुन बनाने  व्यवसाय में वृद्धि की साथ ही एक बड़ी कम्पनी बनाने का सपने के साथ 1980 में आई टी क्षेत्र में प्रवेश किया। 1991 में उनको जब्बरदस्त मौका मिला। भारत सर्कार ने अमेरिका की आई बी ऍम कम्पनी भारत में व्यापार करने पर प्रतिबन्ध रख दिया। एक बिज़नेस मैन नाते अजीमप्रेम जी यह मौका हाथ ...

आप को बदलना होगा

जीवन के महान सबक में से एक जब तक आप को कुछ भी नहीं मिलेगा जब तक आप कुछ भी बदलाव नहीं करेंगे  बेहतर चाहिए तो आपको बेहतर बनना पड़ेगा मैं आपसे परिस्तथी के बारे में बात कर रहा हूँ  भाग्य के बारे में नहीं हम सबको अच्छा और बुरा मिलता है चुनौतियाँ मिलती है हमारे जीवन में तरह तरह की घटनाएं घटती है यह तो मानव जीवन का हिस्सा है उन परिस्ठिओं में क्या करते हो कैसी बातें करते हो क्या आप अर्थव्यवस्था को बदलने के लिए के लिए इंतजार करते हैं कुछ तो परिवर्तन होगा के आशा में पड़े रहते हैं अपने रिश्ते को बदलने का  इंतजार करते रहते हैं कुछ के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं ? कुछ भी नहीं बदलेगा जब तक आप नहीं बदलते  आप को बदलना होगा जब आप बदल जायेंगे अपने आप सब कुछ बदल जायेगा यदि आप चाहते हैं तो आपको बेहतर बनना  पड़ेगा और जब आप बेहतर हो जायेंगे तो आपकी जिंदगी बेहतर हो जाएगी आपको  काम करना चाहिए  बजाय की किसी और पे आपको अपने आप पे काम करना चाहिए आपको दूसरों के मुकाबले आपको अपने पे अधिक काम करना चाहिए अपनी वैल्यू बढ़ानी पड़ेगी एक कदम पीछे...